उत्तराखंडः सरकारी विद्यालयों में बनने वाली यह पहली रोबोटिक लैब, जानें खासियत…
चमोली। जिला प्रशासन की पहल पर राजकीय इंटर कॉलेज गौचर में रोबोटिक लैब बनाई जा रही है। इससे बच्चों की टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि बढ़ेगी। इसे छात्र छात्राऐं भविष्य में प्रोफेशन के तौर पर भी ले सकते हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला के अनुसार इसे जिले में एक मॉडल लाइव के तौर पर बनाया जा रहा है। नगरपालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट सहित जन प्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन व जिला प्रशासन के इस पहल की सराहना की है।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बनने वाली यह पहली रोबोटिक लैब होगी। इसमें छात्र छात्राओं के साथ ही शिक्षकों को भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में सिखाया जाएगा। अभी एक मॉडल के रूप में इसे तैयार किया जा रहा है। यह सफल रहा तो अन्य स्कूलों में भी लैब बनाई जाएगी। नई शिक्षा नीति में छात्र / छात्राओं को छोटी कक्षा से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में शिक्षा देने की बात कहीं गई है।
भारत के साथ ही दुनिया में इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी जोर दिया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुवे नवाचार प्रयोग के तहत जिला प्रशासन की पहल पर चमोली शिक्षा विभाग ने जिले में रोबोटिक लैब बनाने की योजना बनाई। जिला योजना मद से यह रोबोटिक लैब राजकीय इंटर कालेज गौचर में बनाई जा रही है। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राइका गौचर में छात्र संख्या 300 है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बनने वाली यह पहली रोबोटिक लैब होगी। इसे एक मांडल के रूप में तैयार किया जा रहा है।
बताया गया है कि इस लैब में छात्र छात्राऐं प्रारंभिक रोबोट और कोडिंग के बारे में जानकारी दी जाएगी जैसे रोबोट का एक सीध में चलना, उसमें ऐसा सेंसर लगाना जिससे वह रास्ते में आने वाली रूकावट जैसे गड्ढा, पत्थर आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। लैब तैयार होने के बाद इसको चलाने वाली संस्था विद्यालय के शिक्षकों को लैब संचालन और रोबोट बनाने का प्रशिक्षण देगी।