एक-दूसरे के सहयोगी व संपूरक होने चाहिए कुलपति और कुलसचिव : राज्यपाल

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने विश्वविद्यालयों को नसीहत देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के मध्य आपसी समन्वय स्थापित होना चाहिए। विश्वविद्यालयों में वीसी व रजिस्ट्रार के मध्य पैदा होने वाले विवादों पर उन्होंने कहा कि कुलपति और कुलसचिव एक-दूसरे के सहयोगी व संपूरक होने चाहिए। बुधवार को राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राजभवन में सभी राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा की। आयुर्वेद विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति और कुलसचिवों के संबंधों में तनातनी के मामले जिस तरह सामने आते रहते हैं, उसे देखते हुए राज्यपाल की इस नसीहत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केंद्रित होनी चाहिए। छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही ध्येय वाक्य होना चाहिए। विश्वविद्यालयों की आंतरिक समस्याओं का समाधान कुलपति स्तर पर ही होना चाहिए।

राज्यपाल ने कुलपतियों से अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं के माध्यम से सोच-विचार के क्षेत्र में गेमचेंजर की भूमिका निभा सकते हैं। रिवर्स पलायन, महिला सशक्तीकरण, स्वयं सहायता समूहों की मजबूती, प्राकृतिक एवं जैविक खेती के लिए विश्वविद्यालयों से कार्य करने की अपेक्षा उन्होंने की। इन क्षेत्रों में हो रहे अच्छे प्रयासों को जन क्रांति में बदलना होगा। मात्र कुछ उदाहरणों से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। बैठक में कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालयों की वेबसाइट अपडेट करने, संबद्धता विषयक मानकों का उल्लंघन करने वाले कालेजों के विरुद्ध कार्यवाही के बारे में राज्यपाल को बताया। बैठक में मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डा ओपी नेगी, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति पीपी ध्यानी, भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार कर्नाटक, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल ने विचार रखे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Khatron Ke Khiladi Season 14 : जानिए कौन हैं इस बार के Contestant? Benefits of Mushrooms : जानिए मशरूम सेहत के लिए कितने फायदेमंद.. Happy Birthday Salman Khan: जानिए! भाई जान से जुड़े कुछ ख़ास Facts…