वैभव सूर्यवंशी: बिहार से उभरा 14 साल का क्रिकेट सितारा

वैभव सूर्यवंशी: भारतीय क्रिकेट को युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन हाल ही में एक नाम ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है और वो है ‘वैभव सूर्यवंशी’। महज़ 14 वर्ष की उम्र में इस बालक ने क्रिकेट की दुनिया में इतिहास रच दिया है। बिहार के समस्तीपुर ज़िले के ताजपुर गाँव में जन्मे वैभव की कहानी सिर्फ क्रिकेट नहीं, संघर्ष, समर्पण और सपनों की भी है।

ऐसे हुई क्रिकेट की शुरुआत

वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी एक किसान हैं, जिन्होंने बेटे की खेल में रुचि देखकर उसे क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। मात्र 5 वर्ष की उम्र मेंvaibhav-suryavanshi वैभव ने बल्ला थाम लिया और 7 वर्ष की उम्र में समस्तीपुर क्रिकेट अकादमी में दाखिला ले लिया। वहाँ उन्होंने कोचों को अपने तकनीकी कौशल और अनुशासन से हैरान कर दिया।

रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन और राष्ट्रीय पहचान

2023 में वैभव ने क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया। उन्होंने एक वर्ष में 49 शतक और 3 दोहरे शतक लगाए। उनके प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और जल्द ही उन्हें बिहार की रणजी टीम में शामिल किया गया।जनवरी 2024 में उन्होंने मात्र 12 वर्ष और 284 दिनों की उम्र में मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया, जो आधुनिक युग में सबसे कम उम्र का डेब्यू है।

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इसके बाद अक्टूबर 2024 में भारत अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ 62 गेंदों में 104 रन बनाकर प्रोफेशनल क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

आईपीएल में धमाकेदार एंट्री

2025 में वैभव को राजस्थान रॉयल्स ने करीब 1 लाख पाउंड में खरीदा, जिससे वे आईपीएल के इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर सभी का दिल जीत लिया और 20 गेंदों में 34 रन की तेज़ पारी खेली।

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इसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 38 गेंदों में 101 रन ठोककर पुरुष टी20 क्रिकेट के सबसे युवा शतकवीर बन गए। 35 गेंदों में शतक पूरा कर उन्होंने भारतीय खिलाड़ी युसुफ पठान का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

प्रेरणा और भविष्य

वैभव सूर्यवंशी की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों या गांवों से आते हैं और बड़े सपने देखते हैं। अपनी मेहनत, लगन और पारिवारिक सहयोग से उन्होंने ये दिखा दिया है कि प्रतिभा किसी क्षेत्र की मोहताज नहीं होती।

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कोचों, वरिष्ठ खिलाड़ियों और अपने माता-पिता के मार्गदर्शन में वैभव अपने खेल को और भी निखार रहे हैं। उनकी सफलता ने बिहार जैसे राज्य को भी क्रिकेट मानचित्र पर मज़बूती से स्थापित कर दिया है।

क्रिकेट प्रेमियों को अब बेसब्री से इंतज़ार है कि यह युवा सितारा आने वाले वर्षों में भारतीय टीम के लिए क्या चमत्कार करता है। यकीनन, वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट का अगला चमकता सितारा बन सकता है।

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