इस दिन मनाया जाएगा साल का पहला बिहू, जानें तारीख, महत्व और पूजा नियम

उत्तर पूर्व के राज्यों में बिहू एक बड़ा पर्व माना गया है। खासकर, आसम का यह सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है। इस माह साल का पहला बिहू मनाया जाएगा, जिसे लोग भगोली या माघ बिहू (First Bihu Of The Year) के नाम से जानते हैं। 15 जनवरी को लोग साल का पहला यानी माघ बिहू मनाएंगे, जो पूरा एक सप्ताह जारी रहता है।

माघ बिहू का महत्व
माघ बिहू, जिसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित है। हालांकि यह पूरे भारत में अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है, ज्यादातर यह 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति को पड़ता है, लेकिन इस बार इसकी तारीख में बदलाव हुआ है।

माघ बिहू की तिथि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल कटाई का प्रतीक है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन से पूरे भारत में किसान रबी फसलों की कटाई शुरू कर देते हैं। इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह त्योहार फसल की पैदावार में अहम भूमिका निभाता है।

माघ बिहू पूजा नियम
यह पर्व विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है।
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।

इस दिन गंगा स्नान करना बेहद कल्याणकारी माना गया है, इसलिए गंगा में डुबकी लगाने की कोशिश करें।
सूर्य देव की पूजा विधि अनुसार करें।
भगवान सूर्य को अर्घ्य अवश्य दें।
धार्मिक कार्यों से जुड़े रहें और तीर्थ स्थल जाएं।

सूर्यदेव मंत्र
”ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:”

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