सोना खरीदने और बेचने के नियम में हुआ बदलाव, इस तारीख से होगा लागू
कारोबार: भारत में सोने के आभूषणों के प्रति दीवानगी खासतौर पर महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है. हर व्यक्ति चाहता है कि वो ज्यादा से ज्यादा मौकों पर सोना खरीद पाए। अगर आप भी सोने के आभूषणों की खरीददारी करते हैं और इससे जुडी ख़बरों पर नज़र बनाए रखते हैं। तो ये खबर आपके लिए है। यदि आप 31 मार्च के बाद सोना बेचने या खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो बदले हुए नियम जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी हैं। दरअसल उपभोक्ता मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 31 मार्च के बाद यानी 1 अप्रैल से हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (hallmark unique identification) का सोने के गहनों या उससे बनी कलाकृतियों पर होना जरूरी है। ऐसा न होने पर सोने की खरीद या बिक्री को वैधानिक नहीं माना जाएगा।
क्या है हॉलमार्किंग?
हॉलमार्किंग, धातु की शुद्धता का प्रमाण है। इसे 2021 में 16 जून से स्वैच्छिक तौर पर लागू किया गया था। हालांकि सरकार ने हॉलमार्किंग सिस्टम को अनिवार्य बनाने का फैसला किया। पहले फेज में 256 जिलों में लागू किया और बाद में 32 जिलों को और शामिल किया गया। अब सरकार ने 51 और जिलों में इसे लागू करने का फैसला लिया है।
पहली अप्रैल से 4 डिजिट की जगह 6 डिजिट वाला हॉलमार्किंग सिस्टम
उपभोक्ता मंत्रालय की मानें तो 4 और 6 डिजिट हॉलमार्किंग पर भ्रम बना हुआ था, लेकिन 1 अप्रैल से 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक (जिसमें 0 से 9 तक की संख्या और अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर) होंगे। इसके साथ ही अब चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। HUID (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) इसके जरिए आभूषणों की पहचान की जाती है। इसकी मदद से आभूषण के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। ज्वैलर्स को जूलरी के बारे में पूरी जानकारी BIS के पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। HUID, 6 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड होता है।