उत्तराखंड में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल, बाजार से वापस मंगाया जा रहा वापस…
Uttarakhand News: उत्तराखंड में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरने से फेल हो गए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया है। सैंपलिंग के दौरान उत्तराखंड की अलग-अलग कंपनियों में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। सैंपल फेल होने की जानकारी मिलते ही दवाओं को बाजार से वापस मंगाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं आप भी तो नहीं खा रहें है निकली दवाईयां…
मिली जानकारी के अनुसार दुनिया के कई देशों में भारत की दवाएं फेल पाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने दवाओं की निगरानी बढ़ा दी है। इसके तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर महीने दवाओं की आकस्मिक जांच करा रहा है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से देशभर की निर्माण इकाईयों में नियमित सैंपलिंग की जा रही है। सैंपलिंग के दौरान उत्तराखंड की अलग-अलग कंपनियों में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं।
देहरादून की एसवीपी लाइफ साइसेंज में निर्मित डॉइक्लोमाइन हाइड्रोक्लोराइड, जेंटामाइसिन व मिथाइल कोबालामिन इंजेक्शन, मैनकेयर लेबोरेटरीज की को-ट्रिमोक्साजोल सिरप, हरिद्वार की कैवेंडिश बायो फार्मा में निर्मित ओमेप्राज़ोल डोम्पेरिडोन टैबलेट, टेक्निका लैब्स और फार्मा की एसीक्लोफेनाक पेरासिटामोल सेराटियोपेप्टिडेज टैबलेट, जेनेका हेल्थकेयर की लेवोसालबुटामोल एम्ब्रोक्सोल गुइफेनसिन सिरप, मैस्कोट हेल्थ सीरीज की लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट, स्काईमैप फार्मास्यूटिकल की मेटोप्रोलोल टैबलेट, जेबी रेमेडीज की ओफ्लाक्सासिन ओर्नीडाजोल टैबलेट, आर्किड बायोटेक की लैक्टोजर्म कैप्सूल का सैंपल जांच में फेल पाया गया है।
कंपनियों से निर्माण के बाद दवाओं को बाजार में उतार दिया गया था। सैंपल फेल होने की जानकारी मिलते ही उन दवाओं को बाजार से वापस मंगाया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर के मुताबिक जिन दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं, उन्हें बाजार से वापस मंगा लिया गया है। अब औषधि निरीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित बैच की दवाओं को दुकानों पर न बेचा जा सके। गौरतलब है कि बीते मार्च में देशभर में 931 सैंपलों की जांच कराई गई थी। इसमें 864 सैंपल सही पाए गए थे। साथ ही 66 फेल हुए, वहीं एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया था।