भारतीय संस्कृति धर्म, ज्ञान और सत्य पर आधारित : प्राचार्य
नरेन्द्र नगर। भारतीय संस्कृति धर्म, ज्ञान और सत्य पर आधारित है जो कि प्रत्येक प्राणी को सच्चा संदेश देती है इस बात की सच्चाई डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भली भांति जानते थे यह विचार प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार उभान ने आज राधा कृष्णन के 136 वें जन्मदिन पर शिक्षक दिवस के अवसर पर कॉलेज परिवार को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उल्लेखनीय है कि आज शिक्षक दिवस के अवसर पर धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय स्टाफ क्लब द्वारा कॉलेज स्तर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कॉलेज के प्राध्यापक और कर्मचारियों ने राधाकृष्णन के ज्ञान एवं दर्शन पर प्रकाश डाला तथा शिक्षक के रूप में कार्य करने के नये संकल्प लिये।
प्राध्यापक प्रोफेसर आशुतोष शरण ने राधाकृष्णन के भारतीय दर्शन एवं उसमें विद्यमान चेतना की समझ को दृष्टांत देकर उपस्थित जनों की समक्ष अपने विचार व्यक्त किये। डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल ने प्राचीन गुरुओं के दर्शन एवं अन्वेषण की चर्चा करते हुए कहा कि आंतरिक विकास का चरम मोक्ष की खोज प्राचीन भारतीय गुरुओं की देन है ,उन्होंने जीवन में अद्भुत रूपांतरण की क्षमता एवं विकास का मूल गुरु के ज्ञान को बताया। डॉ जितेंद्र नौटियाल ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन वृतांत एवं कार्यों को उपस्थित जनों के समक्ष रखा। प्रधान सहायक शूरवीर दास ने गुरु का दर्जा ईश्वर से ऊंचा बताया इस अवसर पर उन्होंने एक देशभक्ति गीत ही गया।
इससे पूर्व कॉलेज प्राचार्य एवं कॉलेज परिवार द्वारा राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर डॉ सपना कश्यप, डॉ सृचना सचदेवा, डॉ सुधारानी, डॉ नताशा, डॉ सोनी तिलारा, डॉ ज्योति शैली, डॉ बीपी पोखरियाल, डॉ इमरान अली, डॉ हिमांशु जोशी, डॉ संजय कुमार, डॉ चेतन भट्ट, डॉ राकेश नौटियाल, डॉ विजय प्रकाश आदि प्राध्यापक एवं अजय पुंडीर, मुनेंद्र, शिशुपाल रावत के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा राजपाल रावत एवं छायांकन विशाल त्यागी ने किया।