जोशीमठ में भू-धंसाव से खतरे की जद में कई परिवार, रोपवे बंद…
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। यहां हो रहे भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है। जोशीमठ और मशहूर स्की रिसोर्ट औली के बीच देश के सबसे लंबे 4.15 किमी के रोप-वे पर खतरा मंडरा रहा है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई। रोपवे सेवा पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। लोगों ने इसके विरोध में चक्काजाम भी किया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चमोली जिले के जोशीमठ में कुछ दिनों से जमीन धंसने और जमीन के नीचे से पानी रिसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके चलते यहां कई इलाकों में लोगों के मकान जमीन के अंदर धंस रहे हैं। दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में जल निकासी का अभाव, भवनों का कंस्ट्रक्शन उचित तरीके से नहीं होना, नदी से भू-कटाव, तेजी से हो रहे निर्माण, प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से इस क्षेत्र का संवेदनशील होना भवनों में दरार आने और धंसाव की वजह हैं। इसे लेकर लोग दहशत में हैं।
यहां 561 घरों में दरारें आ गई हैं। अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। इसे लेकर पिछले कई दिनों से जोशीमठ में लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। जोशीमठ में जमीन धंसने के विरोध में लोगों ने बंद बुलाया गया। व्यापार सभा और टैक्सी यूनियन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में चमोली देहरादून की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया। पर्यटकों की गाड़ियों भी इस जाम में फंस गईं। अब जोशीमठ भू-धंसाव मामले की निगरानी पीएमओ से की जा रही है।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि इसकी जांच करने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम आज जोशीमठ जाएगी। धामी ने लोगों के राहत और बचाव के लिए जरुरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं ज्योतिर्मठ परिसर के भवनों और लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इस पूरी घटना को देखकर प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 8171748602 में कॉल करके प्रभावित लोग मदद मांग सकते हैं।