रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा – देश में रक्षा उत्पादन पहली बार 1 लाख करोड़ के पार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार देश की रणनीतिक अर्थव्यवस्था तैयार करने के लिए घरेलू रक्षा उद्योगों के इकोसिस्टम का मजबूत आधार तैयार कर रही है।
रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए उनका मंत्रालय हर जरूरी कदम उठा रहा है। देश में पहली बार हथियारों के आयात में कमी आई है और जबकि रक्षा क्षेत्र में निर्यात बढ़ा है।
एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को किया पार
देश में रक्षा उत्पादन पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। रक्षा मंत्री ने रविवार को तेजपुर विश्वविद्यालय में 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रिकार्ड घरेलू रक्षा उत्पादन का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि हमने पांच सकारात्मक स्वदेशी सूची जारी की हैं जिनके तहत 509 रक्षा उपकरणों को अब देश में ही बनाया जाएगा।
चार स्वदेशी वस्तुओं की सूची की जारी
इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के तहत चार स्वदेशी वस्तुओं की सूची जारी की गई है। इस सूची के दायरे में 4,666 हथियार और उपकरण आएंगे जिन्हें भारत में ही बनाया जाएगा। भारत के रक्षा निर्यात का कुल मूल्य वर्ष 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये था जो अब दस गुना बढ़कर वर्ष 2022-23 में 15,920 करोड़ के पार हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हालात पर काम करने के सालों से चले आ रहे तौर-तरीके बदल दिए हैं।
भारत अब ‘जैसा है वैसा ही चलने दो’ के रुख को नहीं अपनाता और नया भारत ‘चलो कर डालते हैं’ के रुख से काम करता है। महिलाओं के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने सेना से लेकर हरेक क्षेत्र में महिलाओं की उचित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आज महिलाएं देश के हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। युद्धक विमानों से लेकर चंद्रयान तक उनकी सशक्त मौजूदगी हर जगह देखी जा सकती है।
युवाओं की भूमिका बढ़ाने से ही देश विकसित बनेगा
रक्षा मंत्री ने कहा कि युवाओं की भूमिका बढ़ाने से ही देश विकसित बनेगा। प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमताओं पर विश्वास करके ही भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बनने का विचार कायम है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय की ओर से स्टार्टअप संस्कृति की शुरुआत का हवाला देते हुए कहा कि इनोवेशन फार डिफेंस एक्सेलेंस (आइडीईएक्स) को तब से अनूठे विचारों के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार के इन्हीं प्रयासों से युवाओं में उद्यमिता बढ़ी है।