चमोली करंट हादसे में बड़ी कार्रवाई, इन तीन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार…

उत्तराखंड के चमोली जनपद में हुए भीषण हादसे के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हुई भीषण दुर्घटना में विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही करने वाले एई सहित तीन आरोपियों को चमोली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों  के खिलाफ आईपीसी धारा 304 व 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार  मामले में जांच हेतु गठित की गई 3 टीमो द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों, अनुबंध की शर्तों विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र आदि बिंदुओं पर गहराई से विश्लेषण कर हादसे में एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी 1-ज0बी0एम व 2-कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाईजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों द्वारा खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती और सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा और इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशैड एवं विद्युत संचालन में लौह धातु से बनी संरचना जैसी लापरवाही सामने आई।

जिसपर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तो के खिलाफ कार्यवाही करते हुए ज्वांइट वेंचर कम्पनी के सुपरवाइजर पवन चमोला पुत्र बुद्धि बल्लभ चमोला निवासी-ग्राम छैकुडा थाना थराली जनपद चमोली, विद्युत विभाग के लाईनमैन महेन्द्र सिंह जयपाल सिंह निवासी- ग्राम कुहेड थाना व जिला चमोली,प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान गोपेश्वर चमोली हरदेव लाल आर्य पुत्र जतनी लाल निवासी ग्रमा इडक पो0ओ0 गडोली तहसील बडकोट जिला उत्तरकाशी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध आईपीसी धारा 304 व 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 में मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।

बताया जा रहा है कि एसटीपी करंट हादसे की जांच में यह तथ्य सामने आए कि बीती 18 जुलाई की रात्रि को प्लांट ऑपरेटर गणेश का प्लांट के बाहर सीढ़ियों में मृत पड़े होने की सूचना प्राप्त होंने पर चौकी प्रभारी पीपलकोटी उ0नि0 प्रदीप रावत, अ0उ0नि0 रामेश्वर प्रसाद भट्ट, हो0गा0 गोपाल, हो0गा0 मुकुन्दी लाल, पीआरडी रामचन्द्र पंचायतनामा की कार्यवाही के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। मृतक की मृत्यु करंट के चलते होना प्रतीत हो रहा था। सम्पूर्ण परिसर में करंट फैले होने के चलते पुलिस बल द्वारा उक्त परिसर में प्रवेश नही किया गया। किन्तु विद्युत उपखण्ड कोठियालसैंण में संविदा पर तैनात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट न होने की बात कही गयी जिसपर उपनिरीक्षक टीम सहित प्लांट के अंदर चले गए और मुआवजे की मांग करते मृतक सुपरवाइजर के परिजन व स्थानीय निवासी भी मौके पर आ गए।

इस दौरान लाईनमैन सैन सिंह, सतेन्द्र, गोपाल द्वारा निजमुला-कोठियालसैंण विद्युत लाईन में अल्कापुरी के पास आये फाल्ट को ठीक करने के पश्चात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा अभियुक्त लाईनमैन महेन्द्र सिंह को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी गयी। लेकिन महेन्द्र सिंह द्वारा इस सूचना को नज़रंदाज़ करते हुए सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर सब स्टेशन कोठियालसैंण से शटडाउन लिया तथा फॉल्ट ठीक करने पर बिना किसी जांच पडताल के लगभग 11 बजकर 25 मिनट पर शटडाउन वापस ले लिया,जिससे एसटीपी प्लांट में अचानक करंट दौड़ने लगा और खुली हुयी लाईन एवं चेंज ओवर में धमाके के साथ चारों तरफ करंट फैल गया। जिससे मृतक का पंचायतनामा भर रही पुलिस टीम व स्थानीय निवासी इसकी चपेट में आ गए। इस भीषण हादसे की सूचना पर पुलिस द्वारा हस्तक्षेप कर 11 बजकर 29 मिनट पर उक्त करंट सर्किट को बंद करवाया। उक्त हादसे में चौकी प्रभारी पीपलकोटी,3 होमगार्ड समेत कुल 16 लोगो की मृत्यु हो गयी व 11 व्यक्ति झुलस गए।

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