पहली पारी में सिर्फ 46 रन पर ऑलआउट होना भारत को पड़ा भारी, न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद रचा इतिहास
भारतीय टीम ने बेंगलुरु में ऐतिहासिक कमबैक की कोशिश तो भरपूर की, लेकिन न्यूजीलैंड को मैच जीतने से रोक नहीं पाई। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया पहला मैच मैच हमेशा-हमेशा के लिए यादगार हो गया। पहली पारी में सिर्फ 46 रन पर ऑलआउट होने के बाद बावजूद भारत ने पहले तो 356 रन की रिकॉर्ड लीड पाटी और फिर 462 रन बनाकर न्यूजीलैंड के सामने 107 रन का लक्ष्य रखा। कीवियों के पास इसे हासिल करने के लिए पूरा एक दिन और सारे 10 विकेट थे, जिसे उन्होंने सिर्फ दो विकेट खोकर लंच से पहले ही हासिल कर लिया।
36 साल बाद भारत में जीता न्यूजीलैंड
इस जीत के साथ न्यूजीलैंड ने इतिहास भी रच दिया। टेस्ट क्रिकेट में न्यूजीलैंड की भारत में ये सिर्फ तीसरी जीत थी। कीवियों ने आखिरी बार 1988 में कोई टेस्ट मैच जीता था। अब 36 साल बाद ब्लैक कैप्स ने ये कमाल किया। अब तीन मैच की टेस्ट सीरीज का अगला मुकाबला पुणे में 24 अक्टूबर से खेला जाएगा।
न्यूजीलैंड की जीत के हीरो कौन?
तेज गेंदबाज मैट हेनरी ने पहली पारी में पांच तो दूसरी पारी में तीन विकेट लिए जबकि विलियम ओ रूरके ने पहली पारी में चार तो दूसरी पारी में तीन भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया। भारतीय मूल के रचिन रविंद्र ने पहली पारी में 132 रन बनाकर अपने करियर का दूसरा टेस्ट शतक जड़ा और न्यूजीलैंड को 356 रन की लीड दिलाने में अहम भूमिका निभाई। दूसरी पारी में भी वह नाबाद रहे और लगातार स्कोरबोर्ड चलाकर अपनी टीम पर दबाव नहीं आने दिया।
चौथे दिन के आखिरी सेशन में पलटा मैच
पहला दिन बारिश के चलते पूरी तरह धुलने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने दूसरे दिन टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। ओवरकास्ट कंडिशन में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने आतंक मचाते हुए भारत को भारत में उनके सबसे छोटे स्कोर यानी सिर्फ 46 रन पर ऑलआउट कर दिया था। भारत के पांच बल्लेबाज तो खाता तक नहीं खेल पाए थे। न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 402 रन बनाकर भारत पर 356 रन की अहम लीड ले ली। दूसरी पारी में जब भारतीय टीम पलटवार करती नजर आ रही थी तो फिर मैट हेनरी और विलियम ओ रूरके ने तीन-तीन विकेट लेकर मैच का रुख ही पलट दिया।