मोहिनी एकादशी व्रत 2022 : जिसे रखने से मृत्यु के बाद जीवात्मा को होती है विष्णु लोक की प्राप्ति

फीचर डेस्क। आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। एकादशी तिथि की हिन्दू धर्म मे बहुत मान्यता है। आज मोहिनी एकादशी है। आज व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मोह माया, पाप और कष्ट से मुक्ति मिलती है।

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि मोहिनी एकादशी व्रत कथा को सुनने मात्र से 1000 गायों को दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। असुरों के अत्याचार से देवों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वैशाख शुक्ल एकादशी को अपना मोहिनी अवतार धारण किया था। यह उनका एक मात्र स्त्री अवतार माना जाता है। भगवान राम ने जब वशिष्ठ मुनि से पाप और दुखों का अंत करने वाले व्रत के बारे में पूछा था, तो उन्होंने मोहिनी एकादशी के बारे में बताया था। यह व्रत करने से मृत्यु के बाद जीवात्मा को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

आज गुरुवार है, भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा का दिन। आज एक व्रत करने से मोहिनी एकादशी और गुरुवार व्रत का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। गुरुवार के दिन गुड़, हल्दी, घी, पीले वस्त्र, पीतल के बर्तन आदि का दान करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है जिसके कारण कार्यों में सफलता मिलती है और यश एवं कीर्ति में वृद्धि होती है। आज भगवान विष्णु के मंत्रों या फिर गुरु के बीज मंत्र का जाप कर लाभ ले सकते हैं।

मोहिनी एकादशी 2022 मुहूर्त

वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत: 11 मई, बुधवार, शाम 07:31 बजे से वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 12 मई, गुरुवार, शाम 06:52 बजे। मोहिनी एकादशी वाले दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक है। ऐसे में आज आप सुबह 05:32 बजे से मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं। आज का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है।

मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजा विधि

* आज प्रात: स्नान के बाद मोहिनी एकादशी व्रत एवं भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प करें।
* उसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ करें. भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं. फिर उनको चंदन, अक्षत्, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
* अब आप भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं। इस दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें।
* इसके पश्चात विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
* रात्रि के समय में भगवत जागरण करें और अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें।

मोहिनी एकादशी पूजा मंत्र

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:”

मोहिनी एकादशी व्रत पारण

आज जिस भी भक्त का मोहिनी एकादशी का व्रत हैं, वे कल 13 मई को सूर्योदय के बाद पारण कर सकते हैं। इस दिन आप करीब सवा आठ बजे तक पारण कर लें।

मोहिनी एकादशी का भोग

मोहिनी एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु को मखाने का खीर भोग लगाएं। उनको खीर बहुत प्रिय है।

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