नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इस घटनाक्रम के बीच भारत ने रूस से तेल खरीदने का सौदा किया है। इस प्रस्ताव के तहत रूस भारत को रियायती दर पर तेल देगा। इस घटनाक्रम पर भारत के रणनीतिक साझेदार अमेरिका ने दो टूक कह दिया है कि भारत-रूस तेल सौदा अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की ने कहा कि रियायती दर पर रूस से तेल खरीदने के सौदे में भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है। अमेरिका यहीं नहीं रुका कुछ इस सौदे का दूसरा पक्ष रखते हुए अमेरिका ने कहा कि यह सौदा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास में गलत पक्ष पेश करने के लिए जाना जा सकता है।
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प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की से जब पूछा गया कि ऐसे समय में जब अमेरिका ने रूस के सभी तरह के ऊर्जा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हुआ है तब रूस भारत को रियायती दरों पर तेल और अन्य सामान देने का पेशकश कर रहा है। पास्की ने कहा, जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन का संदेश एकदम साफ है। सभी देश इससे बंधे हुए हैं। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से फोन पर बात की थी। बातचीत में रूस की ओर से कहा गया था कि उसका देश भारत को तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। वह रूसी तेल सेक्टर में भारतीय निवेश की चाहत रखता है। पिछले सप्ताह रूसी की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि भारत को रूसी तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की खेप ने एक अरब डॉलर को छू लिया है। इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है। इतना ही नहीं, एलेक्जेंटर नोवाक ने बयान जारी कर कहा कि हमने हरदीप पुरी से कहा कि हम भारत के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के विकास में सहयोग जारी रखेंगे और कुंडनकुलम परमाणु बिजली घर में नए परमाणु यूनिट की स्थापना में सहयोग देंगे।