- क्रिप्टोकरेंसी टैक्स के दायरे में आएंगी। आमदनी पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स
- कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने व शिक्षण सामग्री उपलबध कराने का लक्ष्य
नई दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 पेश किया। संसद में उन्होंने टैबलेट पर डिजिटल बजट पढ़ते हुए अपने भाषण का आगाज किया। उन्होंने कहा कि देश अभी भी कोरोना संक्रमण से गुजर रहा है। 2014 के बाद से हमारा जोर रहा है कि हम नागरिकों को खासकर गरीबों को सशक्त कर सकें। रोजगार के मुद्दे पर उन्होने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। जबकि मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी। बजट 2022 में मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी है। उम्मीद की जा रही थी कि इनकम टैक्स स्लैब में इस बार छूट दी जा सकती है लेकिन इस बजट में Income Tax slab में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अब क्रिप्टोकरेंसी टैक्स के दायरे में आएंगी। इससे होने वाली आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
“केंद्रीय बजट अमृत काल के अगले 25 सालों का ब्लू प्रिंट है। अगले तीन साल में 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। अगले तीन वर्षों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा।”– निर्मला सीतारमन, केन्द्रीय वित्त मंत्री।
ये होगा सस्ता
चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, मोबाइल फोन चार्जर और जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे। जेम्स एंड ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। कट और पॉलिश्ड डायमंड पर भी कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। एमएसएमई को मदद मुहैया कराने के लिए स्टील स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी छूट को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। मेंथा ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। मोबाइल फोन के चार्जर, ट्रांसफॉर्मर आदि पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, ताकि घरेलू मैन्युफैक्टरिंग को बढ़ावा दिया जा सके।
ये हुआ महंगा
कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है। इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, ताकि इसके आयात को कम किया जा सके। विदेशी छाता भी महंगा होगा।
बजट 2022 के महत्वपूर्ण बिंदु
- कौशल विकास कार्यक्रमों को नए सिरे से शुरू किया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें।
- नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा।
- राज्यों में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को भी जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।
- देश के विभिन्न इलाकों में स्कूली बच्चों की पढ़ाई के दो साल महामारी के कारण बर्बाद हुए हैं।
- डीटीएच प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना को 12 से 200 टीवी चैनल योजना तक बढ़ाया जाएगा।
- कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
- एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी, ताकि डिजिटल टूल्स को बेहतर उपयोग कर सकें।
- सभी भारतीय भाषाओं में टीवी, इंटरनेट, रेडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि शिक्षकों को ई-कंटेंट मिल सके।
- शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।
- पांच शीर्ष शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। इन्हें 25 हजार करोड़ का विशेष फंड दिया जाएगा। एआईसीटीई इन संस्थानों के लिए फैकल्टी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख करेगा।
- दो लाख आंगनबाड़ी को अपग्रेड किया जाएगा।
- अगले पांच साल में 30 लाख अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने का वादा।