गढ़वाल विवि के रवैये से सेल्फ फाइनेंसड कॉलेज खफा, वीसी और रजिस्ट्रार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप
अभिज्ञान समाचार/ देहरादून। हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय पर एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूटस ने उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों की समस्याओं को तवज्जो नहीं देता। और कई मुद्दों पर लंबे समय तक याद दिलाए जाने के बावजूद सुनवाई नहीं होती जिससे छात्रों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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सोमवार को कुकरेजा इंस्टिट्यूट में हुई बैठक मैं देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार के कई कॉलेज संचालकों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई सभी ने एक स्वर में गढ़वाल विश्वविद्यालय के रवैए को लेकर सवाल उठाए। प्रतिनिधियों ने कहा कि जब भी गढ़वाल विश्वविद्यालय से छात्रों और कोर्स संबंधी पत्र व्यवहार किया जाता है तो उसका जवाब लंबे समय तक नहीं मिलता। जिससे छात्र हित सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। एसोसिएशन की माने तो विश्वविद्यालय की अनुमति से कई बार छात्रों के परीक्षा केंद्र बदले जाते हैं बावजूद इसके उनका परीक्षा परिणाम लटक जाता है।
हद तो तब होती है जब इन छात्रों को अनुपस्थित दिखाया जाता है। जब छात्र और अभिभावक परीक्षा परिणाम की जानकारी संबंधित कॉलेज से लेते हैं तो कॉलेज उन्हें कुछ बताने में सक्षम नहीं हो पाता। अन्य प्रकरणों में यदि विश्वविद्यालय किसी छूटी हुई परीक्षा की अनुमति देता है तो भी कई बार उसका परिणाम जारी होने में लंबा समय लग जाता है। विभिन्न कॉलेजों के प्रतिनिधियों की माने तो विश्वविद्यालय कुलपति और कुलसचिव का भी सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के प्रति रवैया ठीक नहीं है। जिससे कॉलेजों के काम सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
“विश्वविद्यालय का रवैया सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के प्रति बेहद है विश्वविद्यालय इन जानकारियों को मांगता है वह उन्हें उपलब्ध करा दी जाती है बावजूद इसके समस्याओं पर कोई संज्ञान नहीं लिया जाता अगर विश्वविद्यालय का ऐसा ही उदासीन रवैया रहा तो इंस्टिट्यूट स्कोर अपने रूटीन के कार्यों के लिए भी न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होना पड़ेगा” – डॉ सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूटस।