ग्यारह दिवसीय शिवपुराण की पूर्णाहुति
रूद्रप्रयाग। (विक्रम सिंह बर्त्वाल) शिव-महिमा की भव्यतम स्तुति, लीला-कथाओं, पूजा अनुष्ठान ज्ञानप्रद आख्यानों के सुंदर संयोजन से आज तल्ला नागपुर स्थित पलासी तुगनाथ मंदिर में आयोजित ग्यारह दिवसीय शिवपुराण की पूर्णाहुति हो गई।
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के मध्य यह स्थान रुद्रप्रयाग संगम से लगभग 22 किलोमीटर दूर मध्य हिमालय की सुंदर वादियों में अवस्थित है. इस धार्मिक दिव्य शिवपुराण अनुष्ठान का आयोजन तल्ला नागपुर के पंचकोटी ग्रामों फलासी, छतोरा, मलाऊ, कुंडा- दानकोट, जाखणी, क्यूडी-कांडा, कोलू-भन्नू, तड़ाग, बछनी, उरखोली’ खाली भटवाड़ी एवं गडिल के ग्रामीणों द्वारा तुंगेश्वर मंदिर समिति के माध्यम से आयोजित किया गया।
शिवपुराण अनुष्ठान में व्यासपीठ को आचार्य हरीश बेंजवाल ने सुशोभित किया. इसके साथ ही बेंजी, मयकोटी तथा क्यूडी गांव से 11 अन्य विद्वान आचार्यों ने वैदिक श्लोकों से स्वयंभू भगवान तुगेश्वर के भव्य दिव्य और सारस्वत व्यक्तित्व का गुणगान किया। 22 फरवरी से आयोजित इस दिव्य शिवपुराण में फलासी स्थित तुंगनाथ मंदिर में पंचकोटी ग्रामीणों द्वारा मंदिर को पुष्प एवं सुगंधी से श्रृंगार किया गया था। 3 मार्च को महाशिव की जलाभिषेक के लिए भव्य जल यात्रा का आयोजन किया गया।
शिवपुराण के आयोजन दिवस से ही नित्य रूप में ही पंचकोटी ग्रामों की महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन के साथ तुंगनाथ जी एवं श्री मां चंडिका का यश गान किया गया। इस अवसर पर पंचकोटी गांवों के ग्रामीण, ध्याणिया, क्षेत्रीय जनता तथा देश-विदेश के लोगों ने सुख, वैभव एवं शिव लोक की प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में फलासी स्थित तुंगनाथ मंदिर पहुंचकर महाशिव के दिव्य दर्शन किए।
आज स्वयंभू शिव के पूजन, अर्चन, वंदन के साथ भक्तों ने वैभव और खुशहाली की प्राप्ति के लिए आशीष लिया इसके साथ 11 दिवसीय महाशिवपुराण की पूर्णाहुति हो गई। धार्मिक अनुष्ठान के दिव्य स्वरूप में आयोजन और संपन्न होने पर संपूर्ण मंदिर कमेटी एवं कमेटी अध्यक्ष मानवेंद्र बर्त्वाल ने पंचकोटी ग्रामीणों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना भगवान तुंगनाथ से की।