संबद्धता मामला: हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य को लगाई फटकार, दो माह में लें निर्णय, संबद्धता खत्म करने का आदेश निरस्त

अभिज्ञान समाचार/ नैनीताल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंध कॉलेजों के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड कॉलेजों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार से 2 माह के भीतर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि जब तक संबद्धता को लेकर स्थाई समाधान नहीं निकल जाता तब तक कॉलेजों को मिलने वाले अनुदान को राज्य सरकार वहन करेगी। साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया है जिसमें कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने के निर्देश विश्वविद्यालय को दिए गए थे।

मंगलवार को संबद्धता मामले से जुड़े विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगल पीठ ने केंद्र व राज्य सरकार को संबद्धता मामले में 2 महीने के भीतर स्थाई समाधान निकालने को कहा है। बता दें कि संबद्धता खत्म किए जाने को राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों एवं कॉलेजों ने असंवैधानिक ठहराया था। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गई थी। उनका कहना था कि संबद्धता तय करने का अधिकार यूजीसी के पास है। पूर्व में इस मामले को लेकर बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की, दयानंद शिक्षण संस्थान तथा सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र जुगरान सहित कई कॉलेजों की तरफ से जनहित याचिकाएं दायर कर विश्वविद्यालय को चुनौती दी गई थी।

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