अभिज्ञान समाचार/ न्यूज़ डेस्क। दुनिया में कोरोना के नए-नए वेरिएंट ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। दरअसल वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रॉन (Omicron) दुनिया को चिंतित करने वाला कोरोनावायरस (Coronavirus) का अंतिम वेरिएंट नहीं होगा। यानि कि हर संक्रमण वायरस को म्यूटेंट करने का मौका अवश्य देता है और ओमिक्रॉन अपने से पहले वेरिएंट पर बढ़त यानि ज्यादा प्रभाव रखता है। वैक्सीन (Vaccine) लगने के बावजूद ये काफी तेजी से फैलता है और इसका मतलब ये है कि अधिक लोग वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
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विशेषज्ञों को ये नहीं पता है कि अगला वेरिएंट कैसा दिखेगा, लेकिन उनका कहना है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ओमिक्रॉन के सीक्वल से मामूली बीमारी होगी या मौजूदा टीके उनके खिलाफ काम करेंगे। हालांकि दुनियाभर मे जारी शोध में जुटे विशेषज्ञों ने व्यापक स्तर पर टीकाकरण (Vaccination) किए जाने की अपील करते हुए कहा है कि Vaccine अभी भी इस वायरस के खिलाफ काम कर रही हैं। बोस्टन विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी लियोनार्डो मार्टिनेज ने कहा कि ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैलता है, म्यूटेट के लिए उतने ही अधिक अवसर होते हैं और जिससे संभावित रूप से ज्यादा वेरिएंट बनने की आशंका होती है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना हर बार नए म्यूटेंट के साथ तबाही मचाने को तैयार रहता है और इसको कहीं न कहीं हम न्योता देते हैं। हमें सरकारों द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। साथ ही ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करवाना होगा। अमूमन देखा गया है कि कोरोनावायरस का नया म्युटेंट तब ज्यादा खतरनाक होता है जब हम लापरवाही बरतते हैं या फिर वैक्सीनेशन की खुराक सही समय पर ना लें।