केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच राजनीति से इतर अब कोरोनावायरस महामारी पर भी टकराव का मामला सामने आया है। ताजा विवाद कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के उभरने के बाद सामने आया है। दरअसल, जहां केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ गाइडलाइंस जारी कर राज्यों को कोरोना को रोकने के तरीके बताए थे, वहीं महाराष्ट्र सरकार ने इन गाइडलाइंस से एक कदम आगे जाते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कुछ और नियम लागू कर दिए। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को हाल ही में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए उसकी नई गाइडलाइंस केंद्र से अलग हैं, इसलिए उसे अपने नियमों को केंद्र की तर्ज पर पंक्तिबद्ध करना होगा, ताकि पूरे देश में गाइडलाइंस को समान तरह से लागू किया जा सके।
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हालांकि, एक मीडिया समूह से बातचीत में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देवाशीष चक्रवर्ती ने साफ किया कि महाराष्ट्र अभी अपनी गाइडलाइंस में कोई संसोधन या बदलाव नहीं करेगा। बाद में ऐसे किसी बदलाव के बारे में विचार किया जा सकता है। तब ही प्रतिबंधों पर लेकर भी विचार किया जा सकेगा।इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी थी। पत्र में महाराष्ट्र सरकार से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हिसाब से ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही मुंबई हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए महाराष्ट्र द्वारा जारी किए गए आदेशों को सुचारू रूप से लागू करने के लिए लिखा गया है।मुंबई एयरपोर्ट पर आने वाले सभी घरेलू यात्रियों के लिए भी नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जरूरी मुंबई नगर निकाय ने बुधवार को शहर के हवाईअड्डे पर उतरने वाले सभी घरेलू यात्रियों को 72 घंटे से अधिक पुरानी निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट रूप ले जाना ओ.. कर दिया है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक सर्कुलर में मुंबई एयरपोर्ट ऑपरेटर से सभी घरेलू एयरलाइनों को इस नए नियम के बारे में बताने को कहा है।