उत्तराखंड: जल्द लागू होगा नया फीस एक्ट, अब बच्चे सीख सकेंगे अपनी मातृभाषा

अभिज्ञान समाचार/ हल्द्वानी। निजी स्कूलों में हर साल एडमिशन को लेकर की जाने वाली फीस वृद्धि से परेशान अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही उत्तराखंड में नया फीस एक्ट लागू होने वाला है। इतना ही नही स्कूलों में अब जल्द ही मातृ भाषा पढ़ाई जाएगी। जी हां शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस बात की जानकारी दी है। शिक्षा मंत्री ने सोमवार को हल्द्वानी नगर निगम सभागार में नई शिक्षा नीति की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि विद्यालय नियामक प्राधिकरण के तहत प्रदेश के निजी स्कूल अब नई शिक्षा नीति के तहत कार्य करेंगे।जिसके तहत फीस एक्ट लागू होगा। निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण जिलाधिकारी और निदेशक शिक्षा विभाग करेंगे।

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अब उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में छात्रों को जल्द ही प्राथमिक स्तर पर गढ़वाली, कुमाऊंनी, बंगाली, गुरुमुखी और जौनसारी आदि मातृभाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा। साथ ही 100 छात्र संख्या वाले सरकारी विद्यालयों में अब योग शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और अब निजी स्कूल संचालकों द्वारा की जाने वाली फीस वृद्धि की मनमानी पर भी अंकुश लगाया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद विद्यालय प्रबंधन अपनी फीस तो तय कर सकेंगे पर फीस के अनुरूप विद्यालय में सुविधा नहीं मिलती है तो अभिभावक जिलाधिकारी और शिक्षा महानिदेशक से शिकायत कर सकेंगे।

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अभिभावकों द्वारा की जाने वाली शिकायत मंत्रालय में पहुंचेगी और विद्यालय संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत स्कूली बच्चों की ड्रेस, पाठ्य सामग्री, शिक्षकों की समस्या सहित शिक्षा विभाग से जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान हो सकेगा। इससे उन शिक्षकों को भी लाभ मिलेगा, जिन्हें निजी स्कूलों में ज्यादा वेतन दर्शाकर कम दिया जाता है। ऐसे शिक्षकों की सुनवाई प्राधिकरण में होगी और दोषी स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। पांडे ने कहा कि सभी शिकायतें ऑनलाइन भी प्रदर्शित की जाएंगी, ताकि पूरी पारदर्शिता बरती जा सकी। इसके अलावा  पांडे ने कहा कि 100 छात्र संख्या वाले सरकारी विद्यालयों में योग शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से प्रस्ताव व बजट स्वीकृत होने के बाद योग शिक्षकों को स्कूलों में तैनात कर दिया जाएगा।

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