उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व
अभिज्ञान समाचार, देहरादून।
चार दिवसीय छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। पर्व के आखिरी दिन शहर के समस्त घाट पर सूर्य उगने का इंतजार कर रही महिलाओं के चेहरे पर उस समय उमंग आई जब आसमान में सूर्य देव नजर आए। महिलाओं ने छठ मैया से परिवार की खुशहाली व संतान की रक्षा समेत सुख-समृद्धि की कामना कर 36 घंटे का व्रत खोला। इस दौरान पहिले पहिल हम कईनी..,छठी मईया व्रत तोहार..,करिहा क्षमा छठी मईया.., भूल-चूक गलती हमार.., सब के बलकवा के दिहा.., छठी मईया ममता-दुलार.. आदि गीत गाकर छठी मैया की पूजा की गई।
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सुबह चार बजे से ही विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने आना शुरू कर दिया था। दीयों की रोशनी में घाट जगमग हो गए और इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। सूर्य की पहली किरण के साथ व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना प्रारंभ किया। टपकेश्वर स्थित तमसा नदी, प्रेमनगर स्थित टोंस नदी, मालदेवता में सौंग नदी, रिस्पना, रायपुर व बह्मपुरी छठ पार्क घाट समेत कई घाटों पर पानी में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया। कई श्रद्धालुओं ने कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने घरों की छत पर टब व बड़े बर्तन में पानी भरकर उसे ही तालाब मानते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर व्रतियों ने छठ मैया के साथ पितरों को भोग लगाकर पूजा-अर्चना की व उसके बाद व्रत खोला। व्रतियों ने सुहागिनों को सिंदूर और पुरुषों को तिलक लगाकर उनके सुख और शांतिमय जीवन की कामना की।