गौ प्रतिष्ठा महोत्सव: शोभायात्रा में शामिल होंगे हजारों लोग, एक स्वर में कहेंगे गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान मिले
देहरादून। सनातन संस्कृति की मूल आधार गौमाता की प्रतिष्ठा हेतु गौमाता- राष्ट्रमाता विचार के जनक संत गोपाल ‘मणि’ महाराज पिछले डेढ़ दशक से पूरे देश और दुनिया में निरन्तर बड़े आंदोलन अभियान चला रहे हैं। गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान मिले इसके लिए 19 से 25 अगस्त तक बन्नू स्कूल रेसकोर्स मैदान में विशाल गौ प्रतिष्ठा महोत्सव होने जा रहा है।
एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में संत गोपाल ‘मणि’ महाराज ने बताया कि गौ प्रतिष्ठा महोत्सव के पहले दिन प्रातः 11 बजे 11 हजार गौभक्तों, सनातन प्रेमियों, हिंदू धर्मालंबियों के द्वारा भव्य शोभायात्रा रिस्पना पुल स्थित होटल मीनाक्षी गार्डन से चलकर कार्यक्रम स्थल रेसकोर्स मैदान तक निकाली जाएगी। शोभायात्रा में सभी भक्तजन उत्तराखंड की समस्त देवशक्तियां देव डोली के रूप में उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ के साथ झूमते हुए भव्य कलश यात्रा में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि शोभायात्रा का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री करेंगे। साथ ही टिहरी लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह सहित अन्य कई गणमान्य गण शोभायात्रा में शामिल रहेंगे। संत गोपाल ‘मणि’ महाराज ने कहा कि देव शक्तियों ने अपनी कृपा दिखा दी है। इसलिए दोनों देवभूमियों उत्तराखंड और हिमाचल से गौमाता राष्ट्रमाता का प्रस्ताव सरकारों के द्वारा सर्वसम्मति से सदन में पारित करके केंद्र सरकार को 2019 में भेजा जा चुका है। अब समय आ गया है कि करोड़ों हिंदुओं की आवाज को केंद्र में बैठी हिंदूवादी सरकार सुने और अविलंब गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दें। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ऐसा नहीं होता तो आगामी 20 नवंबर 2023 को गोपाष्टमी के दिन करोड़ों लोग दिल्ली में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री इस कार्य को नहीं करना चाहते हैं बल्कि वह गौमाता का संवर्द्धन और सम्मान चाहते हैं। लेकिन इसमें विलंब इसलिए हो रहा है क्योंकि गौ को माँ मानने वाले लोग आपस में बिखरे हुए हैं। एक नहीं हैं। जिस दिन सब लोग एक स्वर में कहेंगे कि गौमाता-राष्ट्रमाता होनी चाहिए, उसी क्षण गौमाता राष्ट्रमाता बन जाएगी। संत मणि महाराज ने कहा कि जब तक गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान नहीं मिल जाता तब तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना व्यर्थ है। एकता के सूत्र में बांधने वाली मात्र एक शक्ति है गाय। उन्होंने 19 अगस्त से होने वाले विशाल गौ महोत्सव को भव्य बनाने के लिए समस्त जनता जनार्दन का आह्वान किया है।
गौ प्रतिष्ठा महोत्सव में देहरादून की धार्मिक, सामाजिक, बुद्धजीवी संस्थाएं, महिला मंगल दल कीर्तन मंडली व सभी सहयोगी संस्थाएं अपना सहयोग प्रदान करेंगी। साथ ही कार्यक्रम के बीच में आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर ही भारतीय नश्ल की गौमाताओं के दर्शन भी सुलभ होंगे।
प्रेसवार्ता में कार्यक्रम अध्यक्ष बलवीर सिंह पंवार, संरक्षक मनोहर लाल जुयाल, सूर्यकांत धस्माना, संयोजक अजयपाल सिंह रावत, कार्यकारी अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतूड़ा, महासचिव यशवंत सिंह रावत, व्यवस्थापक सूरत राम डंगवाल, आचार्य राकेश सेमवाल, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल, आचार्य संतोष खंडूड़ी, जिलाध्यक्ष आनन्द सिंह रावत, तेजराम नौटियाल, रविन्द्र सिंह राणा, तुलसीराम बडोनी, शशि भंडारी, मधु रतूड़ी, कांति बड़थ्वाल, रामप्यारी इष्टवाल, अशोक मिश्र, मीडिया प्रभारी डॉ रामभूषण बिजल्वाण, सहप्रभारी आचार्य विपिन जोशी, सुशील गौड़ व शंकर सागर रावत उपस्थित रहे।
सप्त दिवसीय यज्ञ में गौ प्रतिष्ठा एवं सामाजिक संवर्द्धन के लिए होंगे यह कार्यक्रम
- प्रतिदिन प्रातः 5 से 6 योग सत्र चलेगा।
- प्रातः 7 से 9 नित्य 11 कुंडीय कामधेनु महायज्ञ व देव डोलियों का पूजन।
- 9 से 1 बजे तक 41 व्यासों के द्वारा अष्टादश पुराण वाचन प्रवचन व्याख्यान।
- दोपहर 2 से 6 बजे तक संत गोपाल मणि महाराज एवं आचार्य सीता शरण द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण पर (धेनु मानस गौ टीका) के आधार पर गौ की महिमा का धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक एवं वैज्ञानिक पक्ष पर कथा।
- सायं 8 से 10 बजे तक उत्तराखंड के लोक गायक ख्यातिप्राप्त कलाकार गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, रेशमा शाह, मीना राणा, अंजली खरे व् कुसुम नेगी द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन।