शपथ ग्रहण: नवनिर्वाचित विधायकों को संस्कृत में शपथ लेने की सलाह, बोले संस्कृत भाषा के विद्वान; बढ़ेगा राज्य की द्वितीय भाषा का सम्मान
देहरादून। राज्य की द्वितीय भाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत निदेशालय ने प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों को संस्कृत में शपथ लेने की सलाह दी है। संस्कृत निदेशालय व संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ ने नवनिर्वाचित विधायकों से आग्रह करते हुए इसे संस्कृत के प्रचार व प्रसार के लिए आवश्यक कदम बताया। बता दें कि संस्कृत शिक्षा निदेशक एसपी खाली ने निदेशालय की ओर से विधायक व मंत्री के संस्कृत में शपथ ग्रहण का प्रारूप भी तैयार किया है। जिस पर संस्कृत भाषा में शपथ पत्र लिखा गया है। संस्कृत शिक्षा निदेशक ने आग्रह किया है कि नवनिर्वाचित विधायक नई पारी की शुरूआत संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण करके करें। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है, जो हमारी संस्कृति और प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की भाषा है। पूरे विश्व में संस्कृत भाषा के प्रति अत्यन्त श्रद्धा है। संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने संघ की ओर से अपील करते हुए कहा है कि हम माननीय विधायकगणों से विनम्र आग्रह के साथ उम्मीद करते हैं कि सभी माननीय संस्कृत में शपथ लेकर द्वितीय राजभाषा संस्कृत के गौरव को बढ़ाकर स्वयं भी गौरवान्वित होंगे।