तम्बाकू से नाता तोड़ो स्वस्थ जीवन से नाता जोड़ो पर छात्रों को किया जागरुक
देहरादून। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर से पूर्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) उत्तराखंड द्वारा देहरादून स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के सहयोग से तम्बाकू रोकथाम व उसके दुष्प्रभावों पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को तम्बाकू से होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरुक करते हुए स्वाति एस भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. द्वारा छात्रों से कहा गया कि हम सभी अपने आसपास के लोगों को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस खतरनाक आदत से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।
मिशन निदेशक द्वारा बताया गया कि तम्बाकू किसी भी मात्रा में लेने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों के लिए भी, विशेष रूप से गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशुओं व बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। तंबाकू का सेवन कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है, जिसमें कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों व मस्तिष्क की बीमारियाँ शामिल हैं।
कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से आग्रह करते हुए मिशन निदेशक द्वारा कहा गया कि बच्चों को किसी नएपन की खोज में तंबाकू को न चुनकर बल्कि किसी साहसिक खेल जैसे बंजी जंपिंग, स्नो स्की, माउंटेन क्लाइंबिंग, आदि को अपनाना चाहिये। हम सभी को साझा संघर्ष करने का निर्णय लेना चाहिए ताकि हम सभी एक स्वस्थ और सकारात्मक समाज की ओर अग्रसर हो सकें। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर हम सभी को तम्बाकू के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक व फ्लैश मॉब के जरिए तम्बाकू रोकथाम पर जागरुक किया गया व साथ ही गणमान्य अतिथियों द्वारा तम्बाकू रोकथाम पर आयोजित पैनल डिस्कशन में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।
डॉ आदित्य सिंह, प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एन.टी.सी.पी.) द्वारा बताया गया कि राज्य के समस्त जनपदों में तम्बाकू का उपयोग रोकने के लिए सिगरेट तथा अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा) को राज्य में लागू किया गया है। कोटपा, 2003 के उल्लंघन पर व्यक्तियों का चालान काटा जाता है एवं अर्थदण्ड की वसूली की जाती है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन हेतु सहयोग के लिए स्कूल के प्रिंसिपल व स्टॉफ का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में स्कूल के प्रिंसिपल बी.के. सिंह ने छात्र-छात्राओं को अवगत कराया कि तम्बाकू का सेवन सेहत के लिए जानलेवा है। धूम्रपान मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है। बीड़ी, सिगरेट और गुटखा आदि के सेवन से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य तम्बाकू के दुष्प्रभावों तथा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम के प्रति जागरूक करना है। राज्य के सभी जनपदों के जिला चिकित्सालयों में तम्बाकू नशा उन्मूलन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जनपद स्तर पर जिला स्तरीय समन्वयन समिति तथा टास्क फोर्स के गठन से प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे सार्वजनिक स्थानों तथा शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान कम होगा।
कार्यक्रम में स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सुजाता सिंह व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्रभारी अधिकारी डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ फरीदुजफर, डॉ पकंज सिंह, डॉ अर्चना ओझा, डॉ आकांक्षा निराला आदि अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।