समस्त वेद पुराण व उपनिषदों में उदृत गाय की महिमा को एक सूत्र में पिरोता है धेनुमानस ग्रन्थ: संत गोपाल मणि महाराज

देहरादून। गौक्रान्ति अग्रदूत संत गोपाल मणि महाराज के पावन सानिध्य में देहरादून के रेस कोर्स मैदान में चल रहे गौ प्रतिष्ठा महोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हजारों की संख्या में पहुंचकर लोग गौमाता राष्ट्रमाता महाजन अभियान में जुड़ रहे हैं।

सप्त दिवसीय गौ प्रतिष्ठा महोत्सव में चतुर्थ दिवस की कथा के प्रथम सत्र में आचार्य सीताशरण ने कहा कि पूज्य गुरुदेव गोपाल मणि महाराज द्वारा रचित दिव्य धेनुमानस ग्रंथ ने पूरे देश में गौमाता राष्ट्रमाता की लहर बना दी है। परिणाम स्वरूप भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने इस ग्रंथ को वर्ष 2019 के संस्कृति मनीषी पुरुस्कार से अलंकृत किया है।

अष्ठादश पुराण वक्ता आचार्य भगवती प्रसाद फोन्दणी ने अपने प्रवचन में कहा कि वेदब्यास जी ने 17 पुराणों का सार 18वें पुराण के रूप में श्रीमद्भागवत पुराण जैसे महान ग्रन्थ की रचना की है, और उसी क्रम में इस कलिकाल में गौ ऋषि संत गोपाल मणि महाराज ने अठारह पुराणों जहां जहां गौ की महिमा है उसके सार रूप में उन्नीसवें पुराण के रूप में एक ऐसे दिव्य ग्रन्थ धेनुमानस की रचना कर डाली है जिसने पूरी दुनियां में गौक्रान्ति को खड़ा कर दिया है।

संत मणि महाराज ने वेद के सूत्र का अर्थ करते हुए कहा कि गाय सबसे विश्वसनीय माँ है। क्योंकि गाय अगर कोई जहर भी खा लेती है तो उस जहर को अपने गोबर गौमूत्र और दूध में नही आने देती जबकि बच्चे की माँ अगर कुछ गलत खा जाए तो वह सीधे दूध के माध्यम से बच्चे तक पहुंच जाता है। इसीलिए इस धरा पर सबसे विश्वसनीय माँ गौ ही है।

उन्होंने कहा कि गाय के एक एक रोम में एक देवता विराजमान है, लेकिन वह देवता तब अपनी शक्ति दिखाएंगे जब गौ की प्रतिष्ठा होगी। इसीलिए यदि गाय का कामधेनु रूप देखना है तो पहले गाय का सम्मान करना पड़ेगा गौ को प्रतिष्ठा देनी ही पड़ेगी। आगे प्रसंग में संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि यदि धर्म की रक्षा करनी है तो उसके लिए मैदान में उतरना पड़ेगा। गुफाओं में बैठकर आंख बंद करके धर्म की रक्षा नहीं हो सकती है। गौ महोत्सव आगामी 25 अगस्त तक चलेगा। पहाड़ से आयी लगभग 50 प्रतिष्ठित देव डोलियां भी तब तक ही आयोजन स्थल पर रहेगी।

आज कथा में स्वराज विद्वान राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा हरिहर महाराज, गंगोत्री गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, उत्तराखंड विद्वत सभा के महासचिव आचार्य चन्द्र प्रकाश ममगाई अपनी पूरी टीम के साथ शहर के प्रतिष्टित समाजसेवी मनोहर लाल जुयाल, बलबीर सिंह पंवार, शूरवीर सिंह मतूड़ा, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, GD गोयन्का स्कूल के मालिक कुलानन्द नौटियाल, अंबाला से गोपाल नौटियाल, मुरादाबाद से राधिका कोठारी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ जनानन्द नौटियाल, विमला नौटियाल, रावल यमुनोत्री पवन उनियाल, मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण उपस्थित रहे हैं।

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