गौमाता राष्ट्रमाता: कार्तिक पूर्णिमा के दिन रामेश्वरम् धाम में गंगोत्री का गंगाजल चढ़ाएंगे संत ग़ोपाल मणि महाराज

  • गौ को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए सैकड़ो गौभक्तों के साथ संत ग़ोपाल मणि महाराज निकले एक और ऐतिहासिक यात्रा पर

  • गौ को राष्ट्रमाता घोषित करवाने के लिए कर रहे कई ऐतिहासिक कार्य

  • ग़ोपाल नाम की सार्थकता को सिद्ध करने में लगे हैं संत ग़ोपाल मणि महाराज

  • आज गोपाष्टमी के दिन प्रारंभ हुई सैकड़ों गौभक्तों के साथ गौ प्रतिष्ठा यात्रा

गौमातादेहरादून। संत गोपाल मणि महाराज के मीडिया प्रभारी डॉ रामभूषण बिजल्वाण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संत गोपाल मणि महाराज का जन्म केवल और केवल गौ संवर्धन और गौ की प्रतिष्ठा के लिए हुआ है।

आप सबको विदित है कि द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण आज के दिन यानि गोपाष्टमी के दिन मात्र छह वर्ष की अवस्था में गौ के वर्द्धन के लिए गोचारण लीला प्रारम्भकर ग़ोपाल बने थे। इस कलिकाल में स्वनाम धन्य संत ग़ोपाल मणि महाराज जी भी अपने नाम को सार्थक करते हुए विगत 2008 से निरंतर भारतीय संस्कृति की मूल आधार गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने और संवर्धन एवं संरक्षण के लिए संघर्षरत हैं।

इसी क्रम में संत गोपाल मणि महाराज ने कई प्रकार के विभिन्न अभियानों के माध्यम से देशभर में जन जागरण किया। एक बार फिर ऐतिहासिक यात्रा गंगोत्री से रामेश्वरम तक की सैकड़ों भक्तों के साथ आज गोपाष्टमी के दिन प्रारंभ हुई।

आप सबको विदित है कि 2011 में संत गोपाल मणि महाराज ने 5000 अनुयायियों के साथ गोमुख से लेकर के राष्ट्रपति भवन दिल्ली तक को गंगा हिमालय संरक्षण हेतु विशाल पदयात्रा की थी जो 18 दिन में पूरी हुई थी और उसके फलस्वरुप भारत की सरकार ने गंगा को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया।

उसके बाद संत गोपाल मणि महाराज गौ की प्रतिष्ठा में लग गए। निरंतर कई प्रकार के आंदोलन अभियान जनसभाएं की अभी हाल ही में गोध्वजस्थापन का कार्यक्रम चारों पीठ के पूज्य शंकराचार्यों के सानिध्य में संपन्न हुआ। अब संत गोपालमणी गोपाष्टमी के दिन से गंगोत्री से जल भरकर रामेश्वरम चढ़ाएंगे। आज पहले दिन का पड़ाव आगरा में विराम हुआ है। आगरा पहुंच करके संत गोपाल मणि महाराज ने विशाल जन समुदाय के साथ गोष्ठी की और गोष्ठी में महाराज ने एक ही संकल्प दोहराया है कि देश में गौ को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलानी है।

गौमाता राष्ट्रमाता

साथ ही रामचरितमानस की चौपाई को स्मरण करते हुए संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि तुलसी बाबा ने रामचरितमानस में लिखा है कि जो व्यक्ति गंगोत्री का गंगाजल रामेश्वरम में चढ़ाता है वह शिव सायुज्य और मुक्ति को प्राप्त हो जाता है। इसी संकल्प के साथ कि इस देश के अंदर गौ माता की प्रतिष्ठा हो और भारत के माथे पर जो गौ हत्या का कलंक है उस कलंक से सबको मुक्ति मिले इसी संकल्प के साथ यह यात्रा रामेश्वरम तक की आज प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में देवभूमि से प्रारंभ हुई है। साथ ही गोपाल मणि महाराज ने सभी सनातनी हिंदुओं का आह्वान किया कि आप सब लोग जागो और अपने जीवन को धन्य बनाना है तो गौ की प्रतिष्ठा के कार्य में सब जन लग जाए, क्योंकि हिंदू वही है जो गौ के संवर्धन के लिए सम्मान के लिए प्रतिष्ठा के लिए खड़ा हो।

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