सहायक निदेशक के सघन निरीक्षण से विद्यालयों में सकारात्मक हलचल

  • शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं का बढ़ रहा है मनोबल

ऋषिकेश। सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल विद्यालयों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं, उनके सघन निरीक्षणों से सुस्त पड़े हुए शिक्षा महकमे में सकारात्मक हलचल देखने को मिल रही है। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कोयल घाटी में अखंड आश्रम संस्कृत महाविद्यालय व जयराम आश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय का निरीक्षण किया।

बताते चलें कि लगातार दो दिन से डॉक्टर घिल्डियाल तीर्थ नगरी के विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं। इससे विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ रहा है। वह केवल औपचारिक निरीक्षण नहीं कर रहे हैं बल्कि विद्यालयों की समस्याओं पर भी लगातार फीडबैक लेकर उनका समाधान ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने आज कोयल घाटी में अखंड आश्रम संस्कृत महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने प्राचार्य को छात्रों की भौतिक उपस्थिति रखने सहित समय पर सभी सूचनाएं विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके बाद वे थोड़ी देर के लिए अपने पूर्व विद्यालय राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल पहुंचे और प्रधानाचार्य के साथ मिलकर विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने पर विचार विमर्श किया।

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उन्होंने जयराम आश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय पहुंचकर प्रबंधकीय विद्यालय शिक्षक समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जनार्दन कैरवान एवं प्राचार्य डॉ मायाराम रतूड़ी सहित जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी के प्रतिनिधियों ने उनको पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर पूरे स्टाफ को साथ लेकर स्वस्तिवाचन के साथ भव्य स्वागत किया। इसके बाद डॉक्टर घिल्डियाल ने प्राचार्य मायाराम रतूड़ी के साथ प्रत्येक कक्षा में जाकर विद्यार्थियों से बातचीत की और उन्हें संस्कृत के गौरव तथा भारत के जगतगुरु होने का एहसास कराया।

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उन्होंने यह भी कहा कि वह समय-समय पर विद्यालयों के निरीक्षण में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखेंगे क्योंकि जब शारीरिक रूप से विद्यार्थी स्वस्थ रहेगा तब ही वह मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर देश के निर्माण में अगली भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इसके बाद विद्यालय के सभी अभिलेखों का निरीक्षण किया और बताया कि सभी अभिलेख व्यवस्थित एवं विद्यालय का अनुशासन उत्कृष्ट पाया गया। विद्यालय प्रशासन और प्रबंधन में अच्छा तालमेल पाया गया, दूरभाष पर उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी से बातचीत की। स्वामी जी ने उन्हें अतिशीघ्र विद्यालय स्तर पर कोई उत्कृष्ट कार्यक्रम में तीर्थनगरी आने का आमंत्रण देने के साथ उनके प्रशासनिक तौर तरीकों की प्रशंसा की।

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