ऐतिहासिक श्री झंडेजी मेला का शुभारंभ, इन्होंने चढ़ाया दर्शनी गिलाफ…
Jhanda Mela 2023: देहरादून में ऐतिहासिक श्री झंडेजी मेला का शुभारंभ हो गया है। झण्डे जी आरोहण किया जा रहा है। इस वर्ष मेले में बहुत कुछ खास होने वाला है। तो वहीं बताया जा रहा है कि श्री झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का पवित्र सौभाग्य जालंधर के संसार सिंह को प्राप्त हुआ है, लेकिन उनके विदेश में होने के कारण उनके पुत्र बलविंदर जीत सिंह इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। आप झंड़ा आरोहण का घर बैठे सीधा प्रसारण देख सकते है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पहली बार क्यूआर कोड स्कैन कर श्री झंडेजी मेले का लाइव प्रसारण मोबाइल पर भी देखा जा सकता है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालु दरबार साहिब पहुंच गए हैं। श्रीझंडे जी में इस बार दिल्ली के जालंधर के संसार सिंह के पुत्र बलविंदर जीत सिंह दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। बलविंदर सिंह के पिता संसार सिंह व माता सुरजीत कौर ने कई वर्ष पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी। लेकिन उनके विदेश में होने के कारण बलविंदर गिलाफ की प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
बताया जा रहा है कि आज सुबह झंडे जी को संगतों ने जयकारों के बीच लकड़ी की कैंचियों के सहारे उतारा। अब श्रद्धालु झंडे जी को दूध, दही, शहद आदि से स्नान कराकर उस पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य करेंगे। गौर हो कि झंडे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण किया जाता है। जबकि, सबसे भीतर सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इनकी संख्या 41 (इकतालीस) होती है। मध्यभाग यानी बीच में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इनकी संख्या 21 (इक्कीस) होती है।
गौरतलब है कि इसके बाद महंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में 14 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकाली जाएगी। नगर परिक्रमा सुबह 7:30 बजे से शुरू होगी। इसमें 25 हजार से अधिक संगतें शामिल होंगी। नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंचेगी। यहां संगत को चने, मुरमुरे और गुड़ का प्रसाद वितरित किया जाएगा। यहां से तिलक रोड, टैगोर-विला, घंटाघर, पलटन बाजार होते हुए लक्खीबाग पुलिस चैकी से रीठा मंडी, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बांबे बाग पहुंचेगी। इसके बाद ब्रह्मलीन श्रीमहंत साहिबान के समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सहारनपुर चौक होते हुए दोपहर 12 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर संपन्न होगी।