अहमदाबाद। अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए जुलाई 2008 के सीरियल बम ब्लास्ट मामले में दोषियों को सजा सुना दी है। इस फैसले के तहत 49 में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा हुई है। इतिहास में ये पहली बार है जब एक साथ इतने सारे दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। स्पेशल कोर्ट में दोषियों की वर्चुअली पेशी हुई थी। जब कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई तब दोषी अलग-अलग जेल में बैठे हुए थे। दोषियों को सजा सुनाने के अलावा कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपये देने को कहा है। ये पहली बार है जब एक साथ 49 आरोपियों को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया गया है। दोषियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और UAPA के तहत दोषी करार दिया गया है।
आखिर क्यूं लगे 13 साल? जानें पूरा मामला..
- 8 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार दिया था।
- इस वक्त 28 आरोपियों को बरी कर दिया था।
- अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में 78 आरोपी तय हुए।
- 1 आरोपी सरकारी गवाह बना।
- 13 साल तक चली सुनवाई के दौरान 1,163 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
- पुलिस और कानूनी एजेंसियों ने 6 हजार से ज्यादा सबूत पेश किए थे।
- अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नों के फैसले में 49 आरोपियों को दोषी ठहराया।
- 28 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
जानिए! आखिर क्या हुआ था 26 जुलाई 2008 की शाम
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर पहला बम धमाका हुआ था। ये धमाका मणिनगर में हुआ था। मणिनगर उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विधानसक्षा क्षेत्र था। इसके बाद 70 मिनट तक 20 और बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये बम धमाके इंडियन मुजाहिदीन ने 2002 में गोधरा कांड का बदला लेने के लिए किए थे।