जूनियर चिकित्साधिकारियों को एनएचएम आफिसर इंचार्ज बनाने पर जताया रोष…

देहरादून: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य संघ संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की गुरुवार को हरिद्वार रोड स्थित होटल एमजे रेजीडेंसी में बैठक आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न लंबित मांगों पर चर्चा की गई। सरकार, शासन व विभाग की ओर से इन पर कार्वाई न होने पर चिकित्सकों ने रोष व्यक्त किया।

प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा, महासचिव डा. रमेश कुंवर ने कहा कि ऐसे सभी चिकित्सक जो कि सेवा के दौरान पीजी करने जाते हैं, उन्हें पूर्ण वेतन दिया जाए। यह व्यवस्था हिमाचल प्रदेश में लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा की थी, पर व्यवस्था अब तक अमल में नहीं आई है। उन्होंने सभी प्रोन्नत चिकित्साधिकारियों के तैनाती आदेश तत्काल जारी करने की भी मांग की। कहा कि 2003 बैच के समस्त चिकित्सा अधिकारियों के वेतन के संबंध में महानिदेशालय से पत्र जारी हुआ है।

उक्त पत्र को संघ के साथ प्रस्तावित बैठक तक स्थगित रखा जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में अलग से एनएचएम आफिसर इंचार्ज की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि उत्तराखंड में जूनियर चिकित्सा अधिकारियों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों में जिम्मेदारी दे दी गई है। जबकि महानिदेशालय में कार्यक्रम अधिकारियों के संयुक्त निदेशक व अपर निर्देशक के पद पहले से ही सृजित हैं। दंत संवर्ग के चिकित्सा अधिकारियों का रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजन भी लंबे समय से लंबित है। उन्हें तत्काल रिक्त पदों पर समायोजन किए जाए। राजकीय अवकाश पर ओपीडी को पूर्णता बंद किया जाए और इमरजेंसी में ही मरीज देखे जाएं।

इस बात पर भी रोष प्रकट किया कि सुगम व दुर्गम क्षेत्रों का गलत निर्धारण किया गया है। इस विषय पर महानिदेशालय में बैठक हुई थी और उक्त मुद्दे पर सहमति भी बनी। पर आज तक भी इसका अनुपालन नहीं हुआ है। बैठक में डा. डीपी जोशी, डा. पवन, डा. नरेश नपलच्याल, डा. आशुतोष,डा. प्रताप रावत, डा. प्रेम पोखरियाल आदि उपस्थित रहे।

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