व्यावसायिक शिक्षा का उभरता केंद्र नरेंद्रनगर डिग्री कॉलेज, अवस्थापना सुविधाओं और पीजी पाठ्यक्रमों की है दरकार
डॉ० विक्रम सिंह बर्त्वाल
आलेख। इस वर्ष धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय अपनी विकास यात्रा के 17 वर्ष पूरा करने जा रहा है। कम खर्च में स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा को उपलब्ध कराना महाविद्यालय के प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल रहा है, लेकिन अभी भी महाविद्यालय को अवस्थापना एवं स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर पाठ्यक्रमों के संचालन की सुविधा की दरकार है।
धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर उत्तराखंड राज्य के टिहरी जनपद में नरेंद्रनगर तहसील के अंतर्गत समुद्र तल से 1313 मीटर की ऊंचाई पर कांडा-मय-डौर नरेंद्र नगर नामक स्थान पर अवस्थित है। विश्व प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ऋषिकेश से यह स्थान लगभग 20 किलोमीटर, जिला मुख्यालय टिहरी से 70 किलोमीटर तथा प्रदेश की राजधानी देहरादून से 65 किलोमीटर है। क्षेत्रीय स्तर पर शैक्षिक प्रसार और आर्थिक उन्नयन की दृष्टिगत 2006 में उत्तराखंड सरकार द्वारा इस महाविद्यालय की स्थापना की गई।
ऐसे शुरू हुआ महाविद्यालय का सफर
प्रारंभ में बीकॉम की कक्षाओं से महाविद्यालय की शुरुआत नरेंद्र नगर झंडा मैदान स्थित नगर पालिका के भवन से प्रारंभ की गई। इसके उपरांत महाविद्यालय का विस्तार कला संकाय के पांच विषयों की स्वीकृति के रूप में हुआ। स्थान की अतिरिक्त आवश्यकता के मद्देजर पाठ्यक्रमों का संचालन नरेंद्रनगर स्थित पुराना कलेक्ट्रेट भवन के प्रथम तल में 2014 में प्रारंभ हुआ। इधर नरेंद्रनगर से लगभग 6 किलोमीटर दूर कांडा-मय-डौर गांव के पास महाविद्यालय के लिए स्वीकृत लगभग 2 हेक्टेयर जमीन पर महाविद्यालय के निजी भवनों का निर्माण कार्य भी जारी रहा। परिणामस्वरूप नरेंद्र नगर स्थित पुराना कलेक्ट्रेट भवन के जीर्ण शीर्ण कमरों से जुलाई 2019 में महाविद्यालय को कांडा-मय-डौर नामक स्थान पर महाविद्यालय के निजी भवनों में स्थानांतरित किया गया।
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन में ऐतिहासिक
महाविद्यालय के विकास और विस्तार की श्रृंखला में वर्ष 2016-17 से बीएससी, एम कॉम एवं स्नातक स्तर पर पर्यटन जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम के संचालन से हुई। पाठ्यक्रमों की स्वीकृति और संचालन की प्रक्रिया में वर्ष 2017-18 से कला संकाय के अंतर्गत एक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातक स्तर पर ऑनर्स पाठ्यक्रम का संचालन प्रारंभ हुआ। यहां भी महाविद्यालय के अकादमिक विकास में पाठ्यक्रमों की स्वीकृति का क्रम जारी है। वर्ष 2020-21 से बीएससी गृह विज्ञान एवं वर्ष 2022-23 से बीसीए/बीबीए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन विधिवत शुरू हो गया है, जो कि राजकीय महाविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन में ऐतिहासिक है।
महाविद्यालय को आधारभूत सुविधाओं की दरकार
वर्तमान में महाविद्यालय के पास चार भवन जिनमें अकादमिक भवन, रूसा भवन, प्रशासनिक भवन और बहुउद्देशीय भवन अस्तित्व में है। इसके साथ ही साहसिक पर्यटन के दृष्टिगत पर्वतारोहण के गुर सीखने के लिए कृत्रिम रॉक क्लाइंबिंग वॉल महाविद्यालय परिसर में निर्मित की गई है। वर्तमान समय में महाविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों का विवरण देखे तो स्नातक विज्ञान वर्ग में पांच विषयों के साथ गृह विज्ञान अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में कला वर्ग में 6 विषय वाणिज्य वर्ग में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाएं इसके अतिरिक्त चार व्यवसायिक पाठ्यक्रमों यथा बीसीए, बीबीए, जर्नलिज्म एवं टूरिज्म सहित लगभग 29 कक्षाओं के संचालन का भार महाविद्यालय पर है।
छात्रों के प्रवेश के लिए स्वीकृत सीटों का आकलन किया जाए तो लगभग महाविद्यालय की क्षमता 1200 से 1250 के मध्य आगणित की गई है। हालांकि वर्तमान सत्र 2022-23 में महाविद्यालय में लगभग 350 छात्र-छात्राओं का प्रवेश है लेकिन फिर भी लगभग 30 कक्षा कक्षों की आवश्यकता के सापेक्ष महाविद्यालय के पास मात्र 6 कक्षा कक्ष ही उपलब्ध है। प्रायोगिक एवं व्यावसायिक विषयों में किसी भी पाठ्यक्रम के पास प्रयोगशाला नहीं है। मानव संसाधन के रूप में महाविद्यालय के पास वर्तमान में अंग्रेजी विषय के अलावा सभी विषयों में प्राध्यापक नियुक्त हैं। वर्तमान में महाविद्यालय के पास 25 प्राध्यापक, 7 कार्यालय कर्मी, 9 प्रयोगशाला सहायक व 15 उपनल और पीआरडी कर्मी सहित स्थाई प्राचार्य मौजूद है। छात्रों की सुविधा के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है।
महाविद्यालय की आवश्यकता अनुसार तीक्ष्ण ढाल एवं चट्टानी भूमि के कारण भवनों के विस्तार में समय तथा धन वांछित है, जिससे स्वीकृत पाठ्यक्रमों के अनुरूप छात्रों को आधारभूत सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पर्याप्त सुविधा न होने एवं मुख्य सड़क मार्ग से दूरी के कारण महाविद्यालय में अपेक्षानुसार छात्रों का प्रवेश नहीं हो पा रहा है जो कि महाविद्यालय की कमजोरी बनी हुई है। बहरहाल अपनी मौजूदा स्थिति और परिस्थिति के साथ धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्वायत्त संस्था “राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद” के समक्ष इस वर्ष अपने मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए पंजीकृत हो गया है जिससे भविष्य के सपने साकार हो सकेंगे।