मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अन्नदाता सम्मेलन में की शिरकत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार भी किसान हितैषी सरकार है और किसान व कृषि हमारी नीतियों के सदैव केंद्रीय बिंदु रहे हैं। किसानों के लिए हमारी सरकार ने निरंतर कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ उन्हें मिल रहा है। हमारी सरकार किसानों के हित में निर्णय लेती है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा किसानों को कमजोर करने का काम किया है और उन्हें हमेशा गुमराह कर उनका अहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे सन् 1982-84 के दौरान पार्टी के काम के कारण इस इलाके में भ्रमण करते थे, तो उस समय रास्तों पर रेत के पहाड़ उड़ कर आ जाते थे, लेकिन अब इस इलाके में टेल तक पानी पहुंचने, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागू होने से और यहां के किसानों की मेहनत के कारण इस इलाके की भूमि उपजाऊ हो गई है। अब यहां रेत के पहाड़ नहीं दिखते हैं। इसके लिए यहां कि अन्नदाता बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे, हर समय किसानों के लिए सोचते थे। सबको पता है कि चौधरी चरण सिंह कांग्रेस में गए। वे आजादी के बाद 20 साल लगातार कांग्रेस की सरकार में रहे। लेकिन किसानों को कांग्रेस ने हमेशा कमजोर करके रखा, उनको कभी आगे बढ़ने नहीं दिया। परंतु 1967 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया और किसानों के हित के लिए नई पार्टी बनाई।
इसके साथ ही सीएम खट्टर ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने 1971 में एक बार कहा था कि किसान जनगणना कराई जाए और जो छोटा व सीमांत किसान हैं, सभी योजनाएं उनके कल्याणार्थ बननी चाहिए। उस समय जो आकड़ा सामने आया था, उसके अनुसार छोटे किसान कुल किसानों का 51 प्रतिशत थे। आज छोटे किसानों की संख्या 51 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है। इसलिए यह बड़ी चुनौती है कि किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए। इसके लिए हम सभी को मिल कर खेती करने का स्वभाव बनाना होगा। इस दिशा में सरकार की ओर से भी अथक प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जागरूक होकर आगे बढ़ना सीखना चाहिए। जो लोग किसानों के साथ राजनीति करते हैं, उनको पहचाना चाहिए, ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। ऐसे लोग जो हर जगह जाकर किसानों का नाम लेकर धरना दते हैं, रास्ते रोकते हैं, इनसे सावधान रहना है। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल द्वारा रखी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि अधिकारियों से इनकी व्यवहार्यता का अध्ययन करवाया जाएगा और प्रक्रियानुसार सबको पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए हैं। विकास कार्यों की दृष्टि से आज भी लोहारू विधानसभा क्षेत्र के लिए 112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया गया। अभी तक के 9 साल के दौरान राज्य सरकार ने भिवानी जिले में विकासात्मक कार्यों के लिए 13,800 करोड़ रुपये मंजूर किये, जिसमें से 10,400 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं और शेष परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।
इतना ही नहीं, अकेले लोहारू विधानसभा क्षेत्र में 3927 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिनमें से अभी 2421 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और 1500 करोड़ रुपये के कार्य पाइपलाइन में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए बहुत सी योजनाएं बनाई हैं, जिनका लाभ गांवों को मिल रहा है। अब किसान को किसी भी कार्य के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। केवल मेरी फसल मेरा पोर्टल पर अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज करवाना है, उसकी बिक्री की व्यवस्था सरकार करेगी और खरीद के बाद उसका पैसा सीधा किसानों के खातों में पहुंचता है। पहले किसानों को आढ़तियों के पीछे घूमना पड़ता था, लेकिन अब पैसा किसानों को ही मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी के युग में अब कृषि क्षेत्र में नए सिस्टम खड़े किए जा रहे हैं। फसलों में यूरिया का छिड़काव करने के लिए किसानों को पीठ पर डब्बा बांधकर बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। लेकिन अब ड्रोन का उपयोग कर यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है। 15 प्रतिशत किसान इस तकनीक का प्रयोग करने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो महिलाएं खेतों में काम करती हैं, वे इस तकनीक का उपयोग अवश्य करें और इसलिए इस पहल को नमो ड्रोन दीदी नाम दिया गया है। ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत महिलाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 दिनों से कुरुक्षेत्र में गीता जयंती के कार्यक्रम हो रहे हैं और उन्होंने संत-महात्माओं का आर्शिवाद लेने कार्यक्रमों में शिरकत की है। लेकिन आज यहां आकर भी ऐसा ही लग रहा है जैसे मेरे सामने संत बैठे हैं। किसान संत से कम नहीं है, जो देश के लोगों के लिए अन्न पैदा करके उनकी सेवा व पेट भरने का काम करते हैं। किसान त्याग की मूर्ति हैं, यह केवल एक संत ही कर सकता है।