उत्तराखंड में लगी अंतरिक्ष तक पहुंच वाली एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन

अभिज्ञान समाचार / नैनीताल। 

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रदेश में एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। उत्तराखंड के नैनीताल में देश ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप लगाया गया है। देवस्थल में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान की पहल पर दुनिया का पहला आईएलएमटी यानी इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप स्थापित किया गया है । यह 5 देशों की साझा परियोजना है। इस दूरबीन को 50 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। दूरबीन ने पहले चरण में हजारों प्रकाश वर्ष दूर की आकाशगंगा और तारों की तस्वीर उतार कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

ऐरिज के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूरबीन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दूरबीन का निर्माण साल 2017 में शुरू हुआ था जो कि अब पूरा हो गया है। इसके निर्माण के लिए दुनिया भर के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की मदद ली गयी। उन्होंने बताया कि दूरबीन की मदद से अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। आकाश में  उड़ने वाली वस्तुओंहै, यूएफओ के अलावा  उल्कावृष्टि जैसी घटनाओं को भी कैमरे में कैद किया जा सकेगा। साथ ही नए ग्रह नक्षत्रों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा सकेगी।

आईएलएमटी में तरल पदार्थ के जरिए ब्रह्मांड के तारों समेत ग्रह नक्षत्रों की तस्वीर ली जा सकती है। यह तरल पदार्थ मर्करी होता है। दूरबीन देवस्थल में स्थापित की गई है। जो कि एरीज नैनीताल से 60 किलोमीटर की दूरी पर धाना- चूली के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। 1980 से लेकर 2001 के दौरान गहन निरीक्षण के बाद इस जगह का चयन किया गया। इस परियोजना के साझेदार भारत सहित बेल्जियम, पोलैंड, कनाडा और उज्बेकिस्तान हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Khatron Ke Khiladi Season 14 : जानिए कौन हैं इस बार के Contestant? Benefits of Mushrooms : जानिए मशरूम सेहत के लिए कितने फायदेमंद.. Happy Birthday Salman Khan: जानिए! भाई जान से जुड़े कुछ ख़ास Facts…