अमेज़न और डीजीएफटी ने एक्सपोर्ट हब्स के रूप में जिले पहल का लाभ उठाने और भारत से एमएसएमई निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर किया हस्ताक्षर
देहरादून। अमेज़न इंडिया ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सक्षम बनाने और देश से ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के संबंध में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के हिस्से के रूप में, अमेज़न और डीजीएफटी, डीजीएफटी द्वारा चिह्नित 75 जिलों में चरणबद्ध तरीके से, एमएसएमई के लिए क्षमता निर्माण सत्र, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का सह-संचालन करेंगे, जो मार्च 23 में पेश विदेश व्यापार नीति में उल्लिखित एक्सपोर्ट हब्स के रूप में जिले पहल के अंग हैं। इस पहल का उद्देश्य है, ग्रामीण और दूरदराज़ स्थित जिलों में स्थानीय उत्पादकों को ग्लोबल सप्लाय चेन से जोड़ना। संतोष सारंगी (डीजीएफटी के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक), चेतन कृष्णास्वामी (उपाध्यक्ष, पब्लिक पॉलिसी – अमेज़न) और भूपेन वाकणकर (निदेशक, ग्लोबल ट्रेड – अमेज़न इंडिया) की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
अमेज़न और डीजीएफटी, एमएसएमई को ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट के बारे में शिक्षित करने और उन्हें दुनिया भर में ग्राहकों को बेचने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अमेज़न कई तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं तक पहुंच में मदद करेगा, जिनके साथ एमएसएमई इमेजिंग, अपने उत्पादों की डिजिटल कैटलॉगिंग, टैक्स सलाह जैसी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जुड़ सकते हैं। इससे भारतीय उद्यमी अपने ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट बिज़नेस और ग्लोबल ब्रांड बना सकते हैं।
संतोष सारंगी, डीजीएफटी के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक – एक्सपोर्ट हब्स के रूप में जिले पहल, हर जिले को एक्सपोर्ट हब में परिवर्तित करने के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण का क्रियान्वयन है। हम देश भर में हर जिले की क्षमता का लाभ उठाने और एमएसएमई, किसानों और छोटे उद्योगों को विदेशी बाज़ारों में एक्सपोर्ट के अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकारों और निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। डीजीएफटी इन जिलों से ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए, जिलों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सत्र आयोजित करने के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ सहयोग कर रहा है। विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ इस तरह के पहले सहयोग में, डीजीएफटी 2030 तक भारत से 200-300 बिलियन डॉलर के ई-कॉमर्स निर्यात को सक्षम बनाने के हमारे लक्ष्य की दिशा में एक कदम के तौर पर अमेज़न के साथ सहयोग कर रहा है।
अमेज़न इंडिया में ग्लोबल ट्रेड के निदेशक भूपेन वाकणकर ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि टेक्नोलॉजी को अपनाने से पूरे भारत में लाखों एमएसएमई के लिए निर्यात के अवसर खुलेंगे और एफटीपीश्23 में ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट पर हाल में ज़ोर दिया जाना, टेक्नोलॉजी-एनेबल्ड एक्सपोर्ट की गतिविधियों के लिए एक आशाजनक दौर की शुरुआत है। हम डीजीएफटी के साथ इस सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और हम वास्तव में भारतीय एमएसएमई और उद्यमियों को मज़बूत ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद करने में अपनी भूमिका निभाने को लेकर उत्सुक हैं। हम हर स्तर के व्यवसायों के लिए एक्सपोर्ट को सरल और अधिक सुलभ बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे है क्योंकि हम 2025 तक भारत से 20 बिलियन डॉलर के कुल ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को सक्षम बनाने के अपने लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं।