एक्शन: धामी सरकार का एक्शन, ड्यूटी मे बने थे लापरवाह चार सस्पेंड…
देहरादून। कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर शासनने बड़ी कार्रवाई की है 15 जून को जब रुद्रप्रयाग दुर्घटना हुई, जिसमें 15 पर्यटकों की जान चली गई, तब परिवहन विभाग ने ऋषिकेश में तपोवन चेकपोस्ट पर चेकिंग ड्यूटी में लापरवाही के लिए चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया। विभाग के संयुक्त आयुक्त सनत कुमार सिंह ने कहा कि चारों परिवहन कर्मचारियों को विभाग द्वारा स्थापित तपोवन चेकपोस्ट पर वाहनों की जांच नहीं करने का दोषी पाया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वही वाहन आगे बढ़ें जो नियमों का पालन करते हैं। लीड एजेंसी की हालिया रिपोर्ट के आधार पर इन्हें सस्पेंड किया गया है।
निलंबित अधिकारियों में तपोवन चेकपोस्ट प्रभारी यशवीर सिंह बिष्ट, कनिष्ठ सहायक विवेक उनियाल, परिवहन उप निरीक्षक मेहताब अली और परिवहन कांस्टेबल अमर सैनी शामिल हैं। इसके अलावा चेकपोस्ट पर तैनात दो पीएसी कर्मियों को भी उनके संबंधित विभाग में वापस भेज दिया गया। सिंह ने बताया कि विभाग ने तपोवन चेकपोस्ट और रुद्रप्रयाग में दुर्घटनास्थल के बीच वाहन की जांच नहीं करने पर प्रवर्तन दल के सचल दस्ते के प्रभारी परिवहन कर अधिकारी वरुणा सैनी और जगदीश चंद्र के खिलाफ भी कार्रवाई की। उन्होंने कहा, यह देखते हुए कि इस चेकपोस्ट पर और उक्त मार्ग पर जांच के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात हैं, विभाग ने कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से उस दिन ड्यूटी पर तैनात लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को भी कहा है। उन्होंने बताया कि विभाग की जांच में यह भी पता चला है कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां कोई कनेक्टेड क्रैश बैरियर नहीं लगाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, वहां जो पैरापिट लगाए गए थे, वे मानकों के अनुरूप नहीं थे। वहां वाहनों की गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा है लेकिन विभाग की टीम ने देखा कि ज्यादातर वाहन ओवरस्पीड हैं। सिंह ने कहा कि इस पर विचार करते हुए विभाग ने लोक निर्माण विभाग को सुरक्षा मानकों के अनुरूप क्रैश बैरियर लगाने के संबंध में लिखा है। इसके अलावा, वे गति सीमा के अनुसार वाहनों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए दुर्घटना स्थल के पास मार्ग पर रंबल स्ट्रिप्स और सफेद निशान भी लगाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग ने उक्त सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए देहरादून, टिहरी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिलों के जिलाधिकारियों को भी पत्र भेजा है क्योंकि वे अपने-अपने जिलों में जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा, विभाग ने अगले महीने से ड्राइविंग लाइसेंस पर पर्वतीय मार्गों के समर्थन के लिए भौतिक सत्यापन परीक्षण शुरू करने का भी प्रस्ताव दिया है। सिंह ने कहा, चूंकि अनुभवहीन ड्राइवरों द्वारा अकुशल ड्राइविंग भी पहाड़ पर दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण है, इसलिए विभाग जल्द ही लाइसेंस पर पहाड़ के लिए ऑनलाइन सेवा पर रोक लगाएगा।