नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, उत्तराखंड में अमीर हैं इन 7 जिलों के लोग
नई दिल्ली। अपने जीवन में सुख-समृद्धि भला कौन नहीं चाहता। हर कोई ऐसी जगह रहना चाहता है, जहां उसे रोजगार से लेकर बेहतर जीवन यापन करने के तमाम अवसर मिलें। बात करें उत्तराखंड के ऐसे जिलों की तो अमीरी और बेहतर जिंदगी के लिहाज से देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चमोली और टिहरी जिले टॉप पर हैं। इसका खुलासा नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ है।
जिलों में जनसंख्या और गरीबी सूचकांक
- टिहरी जिले में 618931 की आबादी पर 120691 लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
- चमोली में 391605 जनसंख्या पर 65789,
- पिथौरागढ़ में 483439 जनसंख्या पर 67488,
- रुद्रप्रयाग में 242285 जनसंख्या पर 33701,
- नैनीताल में 954605 जनसंख्या पर 128012,
- पौड़ी में 687271 जनसंख्या पर 81991,
- देहरादून में 1696694 जनसंख्या पर 81991 गरीबी सूचकांक है।
मजबूत आर्थिक स्थिति के मामले में ये जिले दूसरे जिलों से बेहतर स्थिति में हैं, हालांकि राज्य की करीब 17.87 लाख की आबादी अब भी गरीबी में जी रही है।
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उत्तराखंड के 6 जिले ऐसे हैं, जिनका गरीबी सूचकांक 20 फीसदी से भी अधिक है। यानि इन छह जिलों का गरीबी सूचकांक राज्य के औसत सूचकांक से भी ज्यादा है। अब प्रदेश के सबसे गरीब जिलों के बारे में बात करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश का सबसे गरीब जिला अल्मोड़ा है। यहां 25.65 फीसदी आबादी गरीब पाई गई है। सबसे गरीब जिलों की लिस्ट में कुमाऊं के चार और गढ़वाल के दो जिले शामिल हैं। कुमाऊं के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर और गढ़वाल के हरिद्वार, उत्तरकाशी जिले की 20 फीसदी आबादी गरीब है। देश में सबसे गरीब राज्यों की बात करें तो बिहार (51.91 फीसदी) पहले और झारखंड ( 42.16 फीसदी) दूसरे पायदान पर हैं। इस फेहरिस्त में उत्तराखंड 15वें स्थान पर आया है। इस तरह दूसरे राज्यों से तुलना करें तो उत्तराखंड में लोगों की आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों में रहने वालों के मुकाबले काफी बेहतर है।