नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों मे चीन द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों पर भारत ने पेंटागन की उस रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट कहा कि भारत चीन के इस उकसावे की नीति को भली भांति समझता है। भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि न तो उसकी जमीन पर चीन की तरफ से किए गए गैरकानूनी कब्जे को और न ही उसके अनुचित दावे को कभी स्वीकार किया जाएगा। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम भी उठा रहा है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान तब आया है जब अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश से सटी विवादित सीमा पर एक गांव बसाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत को इस रिपोर्ट के बारे में मालूम है और सरकार पूरी स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। बागची से पूछा गया था कि अमेरिकी कांग्रेस में उसके रक्षा विभाग की तरफ से पेश रिपोर्ट के बारे में भारत सरकार का क्या कहना है। इस पर उन्होंने कहा, हमने वह रिपोर्ट देखी है जिसमें भारत की पूर्वोत्तर सीमा पर चीन की तरफ से निर्माण गतिविधियों के बारे में कहा गया है। इस तरह की एक रिपोर्ट कुछ महीने पहले भी प्रकाशित हुई थी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी बताया है कि सीमावर्ती इलाकों पर चीन ने दशकों पहले जो गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया था।
”भारत ने न तो चीन के गैरकानूनी कब्जे को स्वीकार किया है और न ही चीन के दावे को स्वीकार किया है। हम कूटनीतिक तौर पर इसका बेहद कड़ाई से विरोध करते रहे हैं और आगे भी करेंगे। सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास का काम भी तेज कर दिया है। इन इलाकों में सड़कों, पुलों आदि के निर्माण का काम तेजी से हो रहा है ताकि वहां रहने वाले स्थानीय नागरिकों के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतर हो सके। सरकार अरुणाचल प्रदेश समेत पूरे सीमावर्ती इलाकों में अपने नागरिकों को बेहतर जीवनयापन देने के लिए प्रतिबद्ध है।” – अरिंदम बागची, प्रवक्ता विदेश मंत्रालय, भारत सरकार।