प्रोफेसर किरण डंगवाल को मिला ‘उदभव सांस्कृतिक सम्मान 2024’
डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल,
पर्यावरण और सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रतिष्ठित ‘उदभव, संस्था ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० किरण डंगवाल को ‘उदभव सांस्कृतिक सम्मान’- 2024 से अलंकृत किया है।
19 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में प्रोफेसर किरण ने यह पुरस्कार वरिष्ठ अधिवक्ता और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के०जी०बालाकृष्णन के कर कमलों से ग्रहण किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर किरण डंगवाल ने सन 1980 के दशक में गढ़वाल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे पी पचौरी के निर्देशन में “गढ़वाल हिमालय में चिपको आंदोलन:एक समाजशास्त्रीय अध्ययन” विषय पर शोध कार्य किया था, जिसमें उन्होंने गढ़वाल हिमालय के पर्यावरणीय, संस्कृति और नारी शक्ति पर प्रशंसनीय कार्य किया था।शोधकार्य की मौलिकता एवं विशिष्टता के कारण इसी के आधार पर प्रोफेसर डंगवाल ने सन 1998 में “चिपको आंदोलन और नारी शक्ति” शीर्षक से पुस्तक का प्रकाशन किया।
पुस्तक में हिमालयी पर्यावरण और संस्कृति के व्यापक परिदृश्यों पर सूक्ष्म अवलोकन किया गया है,जिस कारण पुस्तक की प्रासंगिकता आज भी पूरी नवीनता संजोए हुए हैं। यही कारण है की पुस्तक को आज अमेरिकन विश्वविद्यालय फ्लोरिडा में संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोग किया जा रहा है। तथ्यों एवं शोध की इसी गुणवत्ता के कारण ‘उदभव’संस्था द्वारा प्रोफेसर किरण डंगवाल को भारतीय मनीषा सूची में सम्मिलित करते हुए ‘उदभव सांस्कृतिक सम्मान’से अलंकृत किया गया है।
सम्मान से हर्षित प्रोफेसर किरण डंगवाल ने इसका श्रेय अपने शोध निर्देशक प्रोफेसर जे पी पचौरी पूर्व संकायाध्यक्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय एवं पूर्व कुलपति हिमालयी विश्वविद्यालय देहरादून , परिवारीजनों तथा पति प्रोफेसर ए आर डंगवाल पूर्व निदेशक पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को दिया है। प्रोफेसर किरण डंगवाल को अलंकृत किए जाने से हिमालयी पर्यावरण और महिला सरोकार से जुड़े लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है।