श्री झंडेजी के आरोहण के ऐतिहासिक मेला शुरू, दर्शन को पहुंचे हजारों श्रद्धालु…
देहरादून की पहचान ऐतिहासिक दरबार साहिब में श्री झंडेजी के आरोहण के साथ आज से दून का ऐतिहासिक मेला शुरू हो गया है। दरबार साहिब में पवित्र सरोवर (झंडा तालाब) देहरादून शहर की आन-बान-शान झंडे जी के इस उत्सव में कई प्रदेशों से श्रद्धालु देहरादून पहुंचे। गुरु के प्रति असीम आस्था लेकर श्री महंत देवेंद्र दास की झलक पाने और उन्हें निकट से देखने के लिए भी लोगों उमड़े।
ऐतिहासिक दरबार साहिब में महंत देवेंद्र दास की अगुवाई में आज 30 मार्च 2024, शनिवार को डेरा दून (देहरादून) में झंडे जी व मेले का उत्साह और उमंग के साथ आरोहण हो गया। शनिवार को सुबह 7.00 बजे से पूजा की प्रक्रिया शुरू हुई और झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाए गए। इसके बाद शाम 4.00 बजे झंडे जी का आरोहण किया गया। इस बार पंजाब के होशियारपुर निवासी हरभजन सिंह पुत्र हरीसिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का अवसर मिला है।इस मौके पर देश विदेश से आए हजारों-हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ इस गुरु राम राय दरबार झंडे जी की आस्था व पवित्र अवसर पर झंडे जी का जयकारों करते हुए गुरु का आशीर्वाद और प्रसाद लिया।आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अब अपने नए रंग-रूप में वर्ष भर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
इस अवसर पर देहरादून के श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर ही स्वर्ग की अनुभूति हो जाती है। इस दौरान संगतों ने श्रीगुरुराम राय महाराज के शबद का सिमरन किया।इस दौरान आज़ शनिवार को झंडेजी के आरोहण और ऐतिहासिक झंडे मेले के साथ ही सरोवर को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। दरबार साहिब की स्थापना के साथ ही दून घाटी के नगरीय स्वरूप की शुरुआत हुई। देहरा नगर में प्रतिवर्ष होली के पांचवें दिन आरंभ होने वाले झंडा मेला ने जहां गढ़वाल मंडल सहित उत्तर भारत में ख्याति अर्जित की, वहीं दरबार साहिब परिसर में स्थित सरोवर की भी आरंभ से ही विशिष्ट पहचान रही है। स्थानीय लोग इसे झंडा तलब के नाम से जानते रहे हैं। 1980 के दशक तक सरोवर की गहराई काफी हुआ करती थी और इसमें नहर के जरिए पूरे वर्ष निरंतर पानी रहता था।
दरबार साहिब के मौजूदा श्रीमहंत देवेंद्र दास ने झंडा तालाब का सौंदर्यीकरण करवाया है। इसके बीचों-बीच भी निर्माण करवाया गया है, जहां रात्रि के समय रंग-बिरंगा प्रकाश आकर्षण का केंद्र बन रहा है। सरोवर के जिस हिस्से में शिव और राम मंदिर हैं, वहां एक ओर श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम भी बनवाया गया है। सरोवर में प्रवेश के लिए चारों ओर चार विशाल गेट पहले ही बनवाए जा चुके थे, जिन्हें अब और आकर्षक रूप दिया गया है। चारों ओर हरियाली भी मनोहारी दृश्य उत्पन्न कर रही है। सरोवर में अब हर समय पानी रहेगा।
दून में ऐतिहासिक मेले के लिए पंजाब, हरियाणा, यूपी के साथ ही देश के कोने-कोने से संगतें पहुंची हैं।श्रीझंडेजी मेले के दौरान श्रीदरबार साहिब परिसर में पांच एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर श्रीझंडेजी के आरोहण और इसकी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। करीब एक सप्ताह पहले ही दून में संगतें पहुंचनी शुरू हो गई थीं। दून में श्रीगुरुराम राय के आठ से अधिक स्कूलों में इन संगतों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।