गाय की बात करने वाले को ही दें अपना वोट: गोपाल मणि महाराज
गोपाल मणि महाराज बोले; कैसा रामराज्य जिसमें हो रही है गौ हत्या, गौ को प्रतिष्ठा के बिना रामराज्य की कल्पना व्यर्थ
देहरादून: आज चारो पीठों के पूज्य शंकराचार्यों द्वारा समर्थित गौमाता-राष्ट्रमाता महाअभियान के क्रम में 10 मिनट के लिए पूरा भारत बन्द रहा, जिसमें देश के सभी गौभक्तों ने अपने अपने गांव नगर -शहर में सड़कों पर आकर के 10 मिनट के लिए गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान देने के लिए एक विशाल अहिंसक आंदोलन किया।
पूरे देश के कोने-कोने में सभी हिंदू समाज गौभक्तों संत समाज ने इस देश की संस्कृति की मूल आधार गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान देने के लिए 10 मिनट के लिए सभी सड़कों पर उतरे। इसी क्रम में आज देहरादून में गौ क्रांति अग्रदूत संत गोपाल मणि महाराज ने स्वयं सैकड़ों गौभक्तों के साथ सड़क पर उतरकर इस अभियान को गति दी। संत गोपाल मणि महाराज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक है, और इस समय देश के अंदर एक अनुकूल वातावरण भी है।
अयोध्या में राम मंदिर की भव्य स्थापना हो चुकी है पूरा देश आज राम राज्य की कल्पना कर रहा है लेकिन गाय को प्रतिष्ठा दिए बिना कभी भी राम राज्य की कल्पना सार्थक नहीं हो सकती है। संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि धर्म के मूल में गौमाता है। धर्मात्मा वही है जो गाय के लिए खड़ा है। संत गोपाल मणि महाराज ने सभी सनातन धर्मी हिंदू समाज का आह्वान किया कि अपना वोट उसी को दें जो गाय के सम्मान की बात करें। हिंदू समाज को जागना होगा और अपने धर्म की रक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा।
गौ-गंगा कृपाकांक्षी पूज्य गोपाल मणि जी महाराज द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोवंश हत्या मुक्त भारत बनाने के लिए राष्ट्रीय अहिंसक आंदोलन के रूप में आज 10 मार्च को भारत बंद बुलाया गया है, जिसके तहत भारत के सच्चे सनातनी गौभक्त ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों, सड़को में गौमाता- राष्ट्रमाता के महासंकल्प पर अपने हृदय के भाव प्रकट किए।
इस अवसर पर आचार्य राकेश सेमवाल विद्वत सभा के अध्यक्ष आचार्य विजेंद्र ममगाई, सूरत राम डंगवाल, नरेंद्र रौथाण, डॉ नन्दलाल भारती, बृजलाल रतूड़ी, डॉ आनन्द जोशी, सुरेश बिजल्वाण, भारती सेमवाल, शिमला से उमेश सूद, डॉ सीता जुयाल, मंजू नेगी, माहेश्वरी जोशी, कांति बड़थ्वाल, मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी, चंबा, हल्द्वानी, नैनीताल, राम नगर, जौनपुर, चिन्याली सौड़, उत्तरकाशी सहित तमाम जगहों पर भी गौभक्तों ने इस आंदोलन को गति दी।