उत्तराखंडः धामी सरकार इस योजना के तहत दे रही 50 प्रतिशत सब्सिडी, मिलेगी बिजली बिल में भी छूट…
उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) ने बिजली की बचत के लिए सोलर वाटर हीटर योजना शुरू किया है। इस सोलर योजना में राज्य के लोगों को सोलर वाटर हीटर लगाने पर सरकार बिजली के बिल में सब्सिडी देती है। बताया जा रहा है कि सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है, जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 100 से 500 लीटर प्रतिदिन क्षमता के संयंत्र लगाने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, जबकि गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 500 से 2000 लीटर क्षमता के संयंत्र लगाने 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सोलर वाटर हीटर लगाने से कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। इससे आपके बिजली के बिल में सब्सिडी मिलती है, सौर ऊर्जा के प्रयोग से वाटर हीटर चलता है जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवेदनों को स्वीकृति दी जाएगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने योजना लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया है। इसमें 100 संयंत्र की क्षमता (लीटर) की अनुमानित लागत 21,000 रुपये, जबकि 200 लीटर क्षमता की लागत 34,000 रुपए तो वहीं 300 लीटर क्षमता की लागत 48,000 रुपए , 400 लीटर क्षमता की लागत 66,000 तक है।
सोलर वाटर हीटर लगाने से पानी को गर्म करने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती है, यह सूर्य की रौशनी से खुद ही पानी गर्म कर देता है। इस तरह यह कोयले से बनी बिजली बचाने में मददगार साबित होता है। बताया जा रहा है कि 75,000 लीटर क्षमता का सोलर वाटर हीटर स्थापित होने पर सालाना नौ लाख यूनिट बिजली की बचत होती है। अगर आप घरेलू कामकाज के लिए सोलर वाटर हीटर लगाते हैं तो प्रति सौ लीटर के वाटर हीटर लगाने पर बिजली के बिल में हर महीने छूट मिलेगी। सोलर वाटर हीटर के ग्राहकों को एक साल में 100 लीटर वाले हीटर के इंस्टालेशन पर 1200 रुपये की सब्सिडी मिलती है। 100 लीटर क्षमता का सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने से एक साल में 1,350 यूनिट बिजली की बचत होगी। प्रति यूनिट तीन रुपये की दर से उपभोक्ताओं को सालाना 4,050 रुपये का लाभ होगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने की योजना चलाई थी। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं 60 प्रतिशत और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत सब्सिडी दी गई। 2014 के बाद योजना बंद की गई। उत्तराखंड सरकार ने बिजली की खपत को कम करने और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दोबारा से योजना शुरू की है।