वायु प्रदूषण पर अब लगाम लगाने के लिए एक्शन में प्रशासन, इन वाहनों पर लग सकती है रोक…
देहरादून शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अब लगाम लगाने के लिए प्रशासन एक्शन में आ गया है। जिसके तहत बताया जा रहा है कि सरकार ने शहर में दौड़ रही डीजल सिटी बसों को बाहर करने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में यूनीफाईड मैट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े निर्देश दिए गए तो कई अहम फैसले लिए गए। जिसमे स्पेशल परपज व्हीकल के गठन पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने एसपीवी की बैठकों में बस, विक्रम एवं शहर के अन्य यातायात वाहनों के प्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून के यातायात के साथ ही प्रदूषण स्तर में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने ई-व्हीकल और सीएनजी से संचालित वाहनों को बढ़ावा दिए जाने हेतु एक अच्छी पॉलिसी शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि डीजल बसों के स्थान पर शहर में केवन सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। इसके लिए सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (सीटीसी) का गठन किया जाएगा जो उत्तराखंड परिवहन निगम के अधीन रहेगा। साथ ही बैठक में सीएस ने कहा कि इसमें शहर के ऐसे प्रबुद्धजन जो यातायात सुधारने में अच्छे सुझाव दे सकते हैं, उन्हें अवश्य शामिल किया जाए। उन्होंने यातायात की समस्या के लिए जंक्शन सुधार आदि पर लगातार कार्य किए जाने, नो पार्किंग में पार्किंग पर चालान आदि कार्यों को लगातार जारी रखने के भी निर्देश दिए।
वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में बन रही सड़कों और पुलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनायी जा रही यह सड़कें बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इन सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए जिलाधिकारी एवं डीएफओ को उच्च प्राथमिकता पर लेकर इन सड़कों का निर्माण पूर्ण करने पर जोर दिया। उन्होंने मुख्य अभियंता एवं अन्य उच्चाधिकारियों को मौके पर जाकर समस्याओं के निस्तारण के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं डीएफओ लगातार बैठकें आयोजित कर योजनाओं के पूर्ण होने में आ रही समस्याओं को निस्तारित कर कार्य पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक कार्य पूरा करने के लिए 2 या 3 शिफ्ट में कार्य पूरा कराया जा सके इसकी संभावनाएं भी तलाशी जाएं।मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च प्राथमिकता के कार्यों को रूटीन कार्यों की भांति न कर प्रतिदिन उसके लिए समय निकालने की आवश्यकता है। प्रतिदिन श्रमिकों एवं मशीनों की संख्या की जानकारी लेकर आवश्यकता अनुसार श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर इसकी रिपोर्ट मांगी जाए।