महिलाओं के समग्र विकास हेतु उत्तराखंड में जल्द लागू होगी महिला नीति: धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य में महिलाओं के समग्र विकास के लिए जल्द ही महिला नीति लागू की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए नशा मुक्त ग्राम व नशा मुक्त शहर योजना शुरू होगी। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को नमन किया।
प्रदेश वासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने घोषणा की कि राज्य में बाल श्रम उन्मूलन के लिए सभी विभाग मिलकर कार्य योजना तैयार करेंगे और जरूरतमंद परिवारों के लिए मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने राज्य निर्माण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि सरकार युवा उत्तराखंड को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से सरकार उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है और जनता के प्रति जवाबदेह। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सराहना करते हुए कहा कि वह सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर चलती हैं।
वह अत्यंत कठिन जीवन संघर्ष से आगे बढ़ी हैं और वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास आदि मौजूद रहे।
राज्य में समान नागरिकता संहिता लागू करने की तैयारी
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य में 23 साल में बहुत से काम पहली बार हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड में समान नागरिक आचार संहिता कानून लागू करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि 23 साल में पहली बार भर्तियों में घोटाले करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए नकल विरोधी कानून लाया गया है।
23 साल में पहली बार धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाया गया है। महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। पहली बार भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। पहली बार राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस की तैनाती की जा रही है। पहली बार आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तरीय कार्यक्रम होने जा रहा है।