Growing India: भारत तेज़ी से बढ़ती कौशल विशेषज्ञता से बेरोजगारी का नामोनिशान मिटा देनें में जुटा
गोंदिया/ महाराष्ट्र- वैश्विक स्तरपर आज दुनियां कोविड महामारी से लेकर वर्तमान हमास-इसराइल के बीच भयंकर युद्ध तक की चुनौतियों से घिरा हुआ है, जिसमें आर्थिक चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक अविश्वास, बढ़ती गुटबाजी, विस्तारवाद,आतंकवाद से लेकर संवेदनशीलता तक की चुनौतियों से निपटने में अधिक वक्त निकलता जा रहा है जो समय के साथ-साथ अपनी जटिलताओं से जकड़ते जा रहा है, कहीं अपना वीटो पावर तो कहीं विस्तारवाद कहीं आतंकवाद तो कहीं ज्वेलेसी की विशालता घर करते जा रही है।
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ऐसी सब चुनौतियों से घिरी दुनिया में अगर हम भारत को देखें तो उसकी आवाज बुलंद होती जा रही है, जिसका अंदेशा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग सारे पश्चिमी देशों का सकारात्मक संज्ञान लेकर भारत की ओर रुझान, भारत की ओर होते जा रहा है, तो वहीं रुस उसके अनेक समर्थन वाले देश भी भारत को पसंद करते हैं जिसका मूल कारण यह है कि भारत स्पेस प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक परिवहन स्वास्थ्य शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विदेश नीति सटीक है।
चूंकि बात शिक्षा पर निकली है तो आज दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को देश भर के सभी कौशल विकास संस्थाओं ने संयुक्त दीक्षांत समारोह का आयोजन नई दिल्ली में किया था जो सराहनीय कार्य था। इस सामूहिक प्रयास से चार चांद और लग गए जब पीएम ने इस दीक्षांत समारोह को वर्चुअल संबोधित किया, कौशलता विकास पूरा कर उसकी डिग्री लेने वाले छात्रों के प्रोत्साहन का ठिकाना नहीं रहा जो खुशी जोश जज्बे से लबालब होकर झूम उठे।
चूंकि कौशलता विकास को प्राप्त करने मजबूत युवा शक्ति आगे आ रही है, जिससे देश केसंसाधनों से न्याय होता है। देश रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बन रहा है, इसलिए उद्योग अनुसंधान और कौशल विकास संस्थाओं के लिए वर्तमान समय के अनुसार सामंजस्य स्थापित करना महत्वपूर्ण है। इसलिए आज हम पीआईबी में उपलबध्य जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, कौशलता विकास युवाओं को रोजगार देने वाला बनाने के दूरगामी परिणामों से भारत तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बननें वाला देश शीघ्र बनेगा। साथियों बात अगर हम दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को पीएम द्वारा संयुक्त कौशलता विकास दीक्षांत समारोह को संबोधन करने की करें तो उन्होंने कहा भारत में कौशल विकास का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
हम केवल मैकेनिकों, इंजीनियरों, प्रौद्योगिकी या किसी अन्य सेवा तक सीमित नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने उल्लेख किया था कि महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए तैयार किया जा रहा है। रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम विश्वकर्मा योजना का उल्लेख किया जो विश्वकर्माओं को अपने पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ जोड़ने में सक्षम बनाता है। स्किलिंग, अपस्किलिंग और री-स्किलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने नौकरियों की तेजी से बदलती मांगों और प्रकृति पर ध्यान दिया तथा तदनुसार कौशल को उन्नत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसलिए उद्योग, अनुसंधान और कौशल विकास संस्थानों के लिए वर्तमान समय के अनुरूप सामंजस्य होना बहुत महत्वपूर्ण है।
कौशल पर बेहतर ध्यान देने का जिक्र करते हुए, पिछले वर्षों में देश में लगभग 5 हजार नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4 लाख से अधिक नई आईटीआई सीटें शामिल हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के साथ कुशल और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में उन्नत किया जा रहा है।भारत में कौशल विकास का दायरा लगातार बढ़ रहा है। हम केवल मैकेनिकों, इंजीनियरों, अन्य सेवा तक सीमित नहीं है। पीएम ने कहा क्योंकि उन्होंने उल्लेख किया था कि महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए तैयार किया जा रहा है।
रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम ने इसके लिए भारत की युवा आबादी को श्रेय देते हुए कहा, आज पूरी दुनिया इस बात पर विश्वास कर रही है कि यह सदी भारत की सदी होगी।” मोदी ने रेखांकित किया कि जब दुनिया के कई देशों में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है, भारत हर गुजरते दिन के साथ युवा हो रहा है। भारत को इसका बहुत बड़ा फायदा है, उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया अपने कुशल युवाओं के लिए भारत की ओर देख रही है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल स्किल मैपिंग को लेकर भारत के प्रस्ताव को हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में स्वीकार कर लिया गया, जिससे आने वाले समय में युवाओं के लिए बेहतर अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
पीएम ने किसी भी अवसर को बर्बाद न करने का सुझाव दिया और आश्वासन दिया कि सरकार इस उद्देश्य का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने पिछली सरकारों में कौशल विकास के प्रति उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, हमारी सरकार ने कौशल के महत्व को समझा और इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और एक अलग बजट आवंटित किया। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत अपने युवाओं के कौशल में पहले से कहीं अधिक निवेश कर रहा है और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का उदाहरण दिया जिसने युवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है। पीएम ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक करीब 1.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि औद्योगिक समूहों के पास नए कौशल केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं जो उद्योग को कौशल विकास संस्थानों के साथ अपनी आवश्यकताओं को साझा करने में सक्षम बनाएंगे, जिससे बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए युवाओं के बीच आवश्यक कौशल समूह विकसित होंगे। साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों पर बोलने की करें तो, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी हालिया आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम ने बताया कि भारत आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
उन्होंने भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ले जाने के अपने संकल्प को भी याद किया और कहा कि आईएमएफ को भी भरोसा है कि अगले 3-4 वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि इससे देश में रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत कौशलता विकास के बल पर चुनौतियों को चुनौती देकर आगे बढ़ रहा है।भारत तेज़ी से बढ़ती कौशल विशेषज्ञता से बेरोजगारी का नामोनिशान मिटा देनें में जुटा।कौशलता विकास युवाओं को रोज़गार देने वाला बनाने के दूरगा