देश को मिला नया और भव्य संसद भवन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को किया समर्पित
नई दिल्ली। आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम दिन बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर नये संसद भवन पहुंचे और सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अधीनम के साथ प्रधानमंत्री ने नये संसद भवन में प्रवेश किया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मिलकर नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित किया। हवन के पश्चात सेंगोल को नये संसद भवन में स्थापित करने के बाद पीएम ने पट्टिका का अनावरण कर नये संसद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने नये संसद भवन के निर्माण में शामिल रहे लोगों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ने सर्व धर्म प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लिया।
इसके अलावा, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अमित शाह, डॉक्टर जितेन्द्र सिंह, राजनाथ सिंह, अश्विनी वैष्णव, अनुराग सिंह ठाकुर, डॉक्टर मनसुख मांडविया, प्रह्लाद जोशी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी सर्व धर्म प्रार्थना सभा में शामिल हुए। दोपहर मोदी उद्घाटन के इस ऐतिहासिक अवसर पर वे 75 रुपये का एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे। नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है, जिसे रिकॉर्ड समय में निर्माण संबंधी उच्च गुणवत्ता स्तर के साथ तैयार किया गया है। इस नये भवन से भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराएं और संवैधानिक मूल्य समृद्ध होंगे। नये संसद भवन को नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है जिससे कि सदस्यों को अपना काम बेहतर तरीके से करने में आसानी होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के नये भवन की आधारशिला 10 दिसम्बर 2020 को रखी थी।
नया संसद भवन 65 हजार स्क्वेयर मीटर में बनाया गया है। इसके त्रिकोना आकार का उद्देश्य जगह का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। लोकसभा कक्ष में आठ सौ 88 सीटें हैं और यह राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर आधारित है। नये संसद भवन के राज्यसभा कक्ष में तीन सौ 84 सीटें हैं और यह राष्ट्रीय पुष्प कमल के थीम पर आधारित है। लोकसभा कक्ष में संसद के संयुक्त सत्र के लिए एक हजार दो साथ 72 सीटों की व्यवस्था हो सकती है। इस भवन के कार्यालय सुरक्षित होने के साथ ही नवीनतम सूचन प्रौद्योगिकी और दृश्य-श्रृव्य सिस्टम से सुसज्जित है।
अत्याधुनिक संवैधानिक हॉल प्रतीकात्मक और वास्तविक रूप से आम लोगों को लोकतंत्र के केंद्र बिन्दु में रखता है। नये संसद भवन का सेंट्रल लाउंज खुले प्रांगण का पूरक होगा। पर्यावरण अनुकूल प्लेटिनम-रेटेड नया संसद भवन पर्यावरणीय निरंतरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। नया संसद भवन सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय कला, शिल्प और भारतीय विरासत की अभिव्यक्ति के साथ आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को दर्शाता है। नया संसद भवन विकलांग और दिव्यांगजनों के लिए भी सुलभ है। वास्तुकला का अद्भुत स्वरूप देश की प्रगति के गौरवपूर्ण प्रतीक के रूप में खड़ा है। नये संसद भवन की शानदार संरचना न केवल प्रगति बल्कि राष्ट्र के विकास की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है।