पर्यटन शिक्षा से रोजगार की असीम संभावनाएं
नरेन्द्रनगर। धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय के पर्यटन अध्ययन विभाग की विभागीय परिषद के अन्तर्गत “पर्यटन शिक्षा एवं रोजगार” विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता धर्मेन्द्र नेगी ने छात्र-छात्राओं से जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि पर्यटन शिक्षा से रोजगार की संभावनायें सशक्त होंगी। कारण स्पष्ट है कि पर्यटन में रोजगार की असीम संभावनाएं है। उन्होंने युवा-20 में रोजगार एवं कौशल विकास के लिए पर्यटन शिक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
डॉ0 विजय भट्ट ने विभागीय गतिविधियों की महत्ता पर कहा कि संप्रेषण कौशल एवं मंचीय गतिविधियां पर्यटन शिक्षा में आवश्यक हैं। साहसिक पर्यटन में रोजगार की संभावनाओं में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिकी का संबल हैं। कौशल विकास में त्वरित निर्णय आवश्यक हैं। टेक्नोलोजी, सोशल साइट्स का बेहतर उपयोग एवं तालमेल तभी आवश्यक हैं, जब छात्र-छात्राएं पर्यटन शिक्षा का बेहतर लाभ ले सकें। विभागाध्यक्ष डॉ0 संजय महर ने साहसिक पर्यटन में रोजगार की संभावनाओं पर अपना संबोधन दिया।
‘साहसिक पर्यटन में रोजगार की संभावनाएं’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अमन रावत, द्वितीय स्थान प्रिया चौहान एवं तृतीय स्थान पर्यटन प्रबंधन के छात्र अमन खवास ने प्राप्त किया। ‘पर्यटन शिक्षा में अवसर में संभावनायें’ निबंध प्रतियोगिता में प्रथम प्रिया चौहान, द्वितीय अजय पंवार एवं तृतीय विकास सिल्सवाल रहे। इस अवसर पर शिशुपाल सिंह, अजय, गणेश पाण्डेय, रोहित, सानिध्य, अनिल, सौरभ इत्यादि उपस्थित थे। विभागीय परिषद् के अन्तर्गत सर्वसम्मति से अमन शाह को अध्यक्ष, कुलदीप नौटियाल को सचिव, प्रिया चौहान को सह-सचिव, सुधीर सिंह पुण्डीर को कोषाध्यक्ष पद हेतु चुना गया।