कैबिनेट मंत्री से मिला राज्य आंदोलनकारी मंच, कही ये बात…
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच का एक शिष्टमंडल वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से मिला। और राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षेतीज आरक्षण को लेकर उपसमिति के अध्यक्ष से वार्ता की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण के निस्तारण हेतु तीन कैबिनेट मंत्रियों को लेकर एक उप समिति का गठन किया। जिसमे कृषि मंत्री व वन मंत्री मंत्री सुबोध उनियाल हैं। और समिति के अध्यक्ष है। जबकि परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री मंत्री चन्दन रामदास और पशुपालन एवं दुग्ध मंत्री सौरभ बहुगुणा समिति के सदस्य है।
आज रविन्द्र जुगरान एवं प्रदीप कुकरेती ने कृषि मंत्री को अब तक के घटना क्रम से अवगत कराया जिस पर कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। इसीलिए इसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने राजभवन से विधेयक को वापस मंगाया है। एक बार हम इसका थोड़ा अध्यन करले तो जल्द ही कोई ठोस निर्णय आंदोलनकारियों के पक्ष में दे पाएंगे। मंत्री ने बताया कि राजभवन से विधेयक को एक बार वापस आने पर दुबारा सरकार राजभवन को भेजेगी। जिसके बाद राजभवन को इसे पारित करना बाध्यता हो जाती है।
रविन्द्र जुगरान व ओमी उनियाल ने कहा कि राज्य बनने के समय से प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी से लेकर बहुगुणा तक के कार्यकाल तक आंदोलनकारियों को एक विशेष श्रेणी का दर्जा दिया हुआ है। और अब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी इसे जल्द लागू करेंगे। ऐसी सभी राज्य आंदोलनकारियों को आशा है।
विगत दिनांक 23 तारीख को ही 04 सदस्य शिष्टमंडल वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से वार्ता कर चुका है। जिस पर इसके हल हेतु उन्होंने उप समिति का जिक्र किया।
प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि कृषि मंत्री जी के साथ सकारात्मक वार्ता से राज्य आंदोलनकारी में लगातार प्रयास के बाद 10% क्षेतीज आरक्षण पर पुनः लागू करने की उम्मीद बनी है। और अब गेंद सरकार के पाले में है। शिष्ट मंडल में मुख्य रूप से पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान , सलाहकार ओमी उनियाल , प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती , प्रदेश उपाध्यक्ष सतेन्द्र भण्डारी , राजीव तलवार , मोहन खत्री जगदीश चौहान मौजूद रहे।