यूपी के साथ 20 हजार करोड़ का परिसंपत्ति विवाद सुलझा, 15 दिनों में निस्तारित होंगे सभी मामले
- सीएम धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की शिष्टाचार भेंट
- मुख्यमंत्री धामी ने कहा, बड़ा दिल रखते हैं सीएम योगी आदित्यनाथ
अभिज्ञान समाचार/ देहरादून। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 वर्षों से चला आ रहा परिसंपत्ती विवाद सुलझ गया है। परिसंपत्तियों के मामले में सीएम धामी का इस बार लखनऊ का अहम दौरा साबित हुआ। लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को शिष्टाचार भेंट की।
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इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। वार्ता के दौरान परिसंपत्ति विवाद पर सहमति बन गई। इतना ही नहीं दोनों सरकारों के बीच विभिन्न विवादों पर भी सहमति बनी है। इनमे वन विभाग, सिंचाई विभाग और परिवहन विभाग सहित कई विभागों की 20 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों का विवाद सुलझ गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 15 दिनों में सभी लम्बित मामलों का निस्तारण हो जाएगा। सीएम योगी ने बहुत शांति से सभी बातें सुनी हैं। बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है, जो मुद्दे बचे हैं वह भी जल्द सुलझा लिए जाएंगे। यूपी बड़ा भाई है। हमारा मातृ प्रदेश उत्तर प्रदेश है। दोनों भाइयों में जो बंटवारे में होता है वह हो जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि मैं आभारी हूं कि सीएम योगी ने इस मामले में बड़ा दिल दिखाया।
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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मुख्य सेवक के रूप में पिछले चार महीने से पूरी तन्मयता से काम कर रहा हूं। सभी लोग उत्तराखंड में सरकार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। उन्होँने बताया कि अलकनंदा होटल उत्तराखंड को मिलेगा। उत्तराखंड को वन विभाग के 90 करोड़ भी मिलेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद भी मौजूद थे।
वर्षों से लंबित पड़े मामले, इनका हो जाएगा निपटारा
हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है।
हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलेंगे।
कुंभ मेले की 687.575 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किया जाना है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है।
यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है।
केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनरासि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी शेष।
यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है।
उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान टैक्स उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था। 36 करोड़ बकाया है।
अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।